DESK: AES के कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र कुमार पर लगा है। अपने कर्तव्य एवं दायित्व के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में उन्हें सस्पेंड किया गया है। बिहार सरकार के उप सचिव शैलेश कुमार ने कार्रवाई की है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों 7 अप्रैल को AES, JE बीमारी से बचाव, रोकथाम और जागरूकता को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। जिसमे सिविल सर्जन गायब पाए गये थे। बिना किसी सूचना के वे जिले से बाहर थे। वही 8 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एईएस को लेकर कई प्रखंडों का भ्रमण किया।
अपर मुख्य सचिव ने एइएस को लेकर आधी अधूरी तैयारियों को देख जब सिविल सर्जन से मिलने पहुंचे तब वे गायब मिले। बताया गया कि सिविल सर्जन जिले से बाहर गये हुए हैं। सिविल सर्जन की इसी लापरवाही को लेकर अगले आदेश तक उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। बताया जाता है कि तीन महीने पहले ही सिविल सर्जन ने योगदान दिया था।
अपने तीन महीने के कार्यकाल में सिविल सर्जन ने एक ऐसा काम किया कि वे चर्चा में बने रहे। उन्होंने एंटीजन किट घोटाले के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी हेल्थ मैनेजर प्रवीण कुमार को पिछले महीने योगदान करवाया। जबकि पूर्व सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा ने उक्त आरोपी को सदर अस्पताल में आने पर रोक लगा दी थी।