मुंगेर में बन रहा सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट, ₹250 करोड़ होगा खर्च

मुंगेर में बन रहा सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट, ₹250 करोड़ होगा खर्च

MUNGER: बिहार के मुंगेर में लगातार विकास परियोजनाओं के तहत काम हो रहा है। अब शहर में जल्द ही नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट भी बनाया जाएगा, जिससे गंगा में गंदा पानी नहीं गिरेगा। नमामि गंगे परियोजना के तहत देशभर में गंगा नदी के किनारों पर बसे शहरों में नालों के पानी की सफाई के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट का निर्माण किया जा रहा है। इसी योजना के तहत मुंगेर में अत्‍याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट भी जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। इस प्‍लांट को बनने में लगभग ₹250 करोड़ इन्वेस्ट करना होगा। इसको लेकर फंड भी जारी हो चूका है।  


मुंगेर में यह पहला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जिसको बनाने में 250 करोड़ रुपये की लागत लगाई जाएगी। लक्ष्य के अनुसार 2023 तक यह प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा। बुडको की ओर से निकाले गए टेंडर में ईएमएस इंफ्राकॉन ने सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट का ठेका पाया है। कंपनी की ओर से प्‍लांट को बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है और लगभग काम भी शुरू हो चूका है। इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण से कई फायदे मिलेंगे। इससे गंगा का कायाकल्प होगा। साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा। 


नमामि गंगे के तहत केन्द्र से मदद मिलने के बाद सीवेज प्लांट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके निर्माण के बाद पानी कम बर्बाद होगा। उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के बताया है कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नवीनतम एसबीआर तकनीक से बन रहा है। यहां गंदे पानी का शोधन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के मुताबिक़ हो पाएगा। इस प्लांट को बनाने में लगभग 250 करोड़ इंवेस्ट करना होगा। इसके कैपेसिटी की बात करें तो लगभग यह 30 एमएलडी होगी और पहले फेज में 167 किलोमीटर और दूसरे फेज में अतरिक्त 120 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाकर पूरे शहर के वेस्टेज वाटर को ट्रीट कर उस पानी से सिंचाई का काम किया जा सकेगा।