ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar Assembly Elections : बिहार चुनाव को लेकर बॉर्डर हुआ सील, बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक Bihar Election 2025: वोटिंग करने से पहले जरुर जान लें यह बातें, पोलिंग बूथ पर जाकर नहीं होगी कोई परेशानी Bihar Special Trains: यात्रियों के लिए खुशखबरी! बिहार से चलेंगी इतनी स्पेशल ट्रेनें, जानें क्या है टाइमिंग और रुट? Bihar Election : पटना में गंगा नदी में नाव परिचालन पर रोक, SDO ने जारी किया आदेश; जानिए क्या है वजह Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, आशा कार्यकर्ता के घर से 32.42 लाख कैश जब्त बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मुजफ्फरपुर से 4186 मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना

मुंबई से फिर भागने लगे बिहारी मजदूर: पुलिस लाठियां बरसा रही है लेकिन जमे हैं स्टेशन पर, बोले-लॉकडाउन लगा तो भूखे मर जायेंगे

1st Bihar Published by: Updated Fri, 07 Jan 2022 04:27:26 PM IST

मुंबई से फिर भागने लगे बिहारी मजदूर: पुलिस लाठियां बरसा रही है लेकिन जमे हैं स्टेशन पर, बोले-लॉकडाउन लगा तो भूखे मर जायेंगे

- फ़ोटो

MUMBAI: देश में कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद एक बार फिर वह नजारा सामने आने लगा है जो लोगों ने पहली लहर के दौरान देखा था. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बिहारी मजदूरों के बीच भगदड़ की स्थिति बन गयी है. सैकड़ों की तादाद में बिहारी मजदूरों ने मुबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर डेरा डाल दिया है. पुलिस उन्हें रोकने के लिए लाठियां बरसा रही है लेकिन मजदूर मुंबई छोड़कर घर लौटने पर आमदा है. 


फर्स्ट बिहार की मुंबई टीम ने मुंबई के लोकमान्य तिलक रेलवे टर्मिनस स्टेशन का जायजा लिया. पोटली बांधे, बैग लिये लोग चले आ रहे हैं. ज्यादातार बिहार के हैं या फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश के. उन्हें ट्रेन का टिकट भी नहीं मिल रहा है. पुलिस रोकने के लिए लाठियां चला रही है. लेकिन लोग वापस लौटने पर अड़े हैं. कई मजदूरों से हमारी टीम ने बात की-सबने कहा अब लॉकडाउन लगने वाला है. लॉकडाउन लगा तो भूखे मर जायेंगे. इससे पहले हम अपने घर पहुंच जाना चाहते हैं. 


गुरूवार से मची अफरातफरी

दरअसल, मुंबई में एक दिन में कोविड के 20 हजार केस पाये गये हैं. उसके बाद मजदूरों के बीच बात फैली कि लॉकडाउन लग सकता है. फिर मजदूरों का रेला रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़ा. मुंबई के लोकमान्य टर्मिनस पर गुरुवार शाम में जब हमारी टीम पहुंची तो देखा कि भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. सब के सब मजदूर थे, शुक्रवार की सुबह बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए ट्रेन रवाना होने वाली थी. मजदूर एक दिन पहले शाम से ही स्टेशन पर डेरा डाल रहे थे. 


लोकमान्य तिलक स्टेशन पर जैसे जैसे रात गुजरती गयी वैस-वैसे मजदूरों की भीड़ बढ़ती गयी. स्टेशन के बाहर सिर पर बोरा और हाथ में बैग लिये एक मजदूर से हमने पूछा तो पता चला कि वह बिहार के नवगछिया का रहने वाला रामबरण साह है. लोकमान्य तिलक-भागलपुर एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार की सुबह 8 बजे रवाना होने वाली थी लेकिन वह 12 घंटे पहले ही अपने दो साथियों के साथ रेलवे स्टेशन पर पहुंच चुका था. 


पुलिस ने अंदर घुसने से रोका

रामबरण साह जैसे सैकड़ो लोग स्टेशन के बाहर खड़े थे. पुलिस उन्हें स्टेशन के अंदर घुसने नहीं दे रही थी. लाठी के बल पर उन्हें खदेड़ा जा रहा था. रामबरण ने बताया कि पुलिस ने कहा कि जब भागना ही था तो चले क्यों आये थे बिहार से. सैकड़ो मजदूर स्टेशन के बाहर खड़े थे और उनके पास टिकट नहीं था. सबने तय किया कि बिना टिकट ही ट्रेन में चढ़ जायेंगे. टीटी आयेगा तो फाइन देकर टिकट बनवा लेंगे. 


रेलवे टिकट काउंटर पर मजदूरों को टिकट नहीं मिल रहा था. स्टेशन पर बार बार ये अनाउंस किया जा रहा था कि जिनके पास टिकट नहीं है वे वापस लौट जायें. पुलिस डंडे बरसा रही थी. वहीं हजारों मजदूर भूखे प्यासे स्टेशन के बाहर खड़े थे.डर इस बात का भी था कि कब पुलिस आये और डंडे बरसा दे. इसी बीच सुबह के लगभग साढे चार बजे स्टेशन का गेट खुला और मजदूर अंदर घुसने लगे. फिर स्टेशन पर भगदड़ मच गयी. कई ट्रेन वहां लगी थी जो बिहार औऱ यूपी जाने वाली थी. मजदूर जनरल डिब्बे की तलाश में भागने लगे. 


सुपर स्प्रेडर हो सकती है मजदूरों की ट्रेन

हमारी टीम ने ट्रेनों के जनरल डब्बों में मजदूरों को भेड बकरियों की तरह समाते देखा. कही न कोई स्कैनिंग हो रही थी और सोशल डिस्टेंसिंग का नाम लेना भी बेमानी था. ढेर सारे मजदूर बिना मास्क के थे. जाहिर है ऐसी ट्रेन कोरोना की सुपर स्प्रेडर बन सकती है. ट्रेन के बिहार पहुंचने के बाद वापस लौटे लोग यहां भी बड़े पैमाने पर कोरोना फैला सकते हैं.