मानसून की एंट्री के साथ बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ा, कोसी से कमला बलान तक खतरे के निशान से ऊपर

मानसून की एंट्री के साथ बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ा, कोसी से कमला बलान तक खतरे के निशान से ऊपर

PATNA : मानसून बिहार में पूरी तरीके से एक्टिव हो चुका है लगातार उत्तर बिहार में कई जिलों के अंदर बारिश हुई है और इसका असर अब सूबे की नदियों पर दिखने लगा है। कोसी और बागमती के साथ–साथ शनिवार देर शाम कमला बलान और ललबकिया नदियां भी खतरे के निशान को पार कर गयी हैं। बिहार में मानसून की एंट्री का असर नदियों के जलस्तर पर पड़ा है। नेपाल और सीमांचल में लगातार बारिश के बाद सूबे की नदियों का एक बार फिर से बढ़ना तेज हो गया है।


कोसी सुपौल में लाल निशान से ऊपर बनी हुई है जबकि शुक्रवार की रात बागमती सीतामढ़ी और मजफ्फरपुर में लाल निशान को पार कर गयी। देर शाम कमला मधुबनी के जयनगर में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गयी, जबकि झंझारपुर रेल ब्रिज के निकट लाल निशान से महज 40 सेंटीमीटर नीचे रह गयी है। उधर, ललबकिया भी पूर्वी चंपारण के ढाका में खतरे के निशान को पार कर गयी। इन सभी स्थानों पर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंडक नदी गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और वैशाली में तो कोसी सुपौल और खगड़िया में लगातार बढ़ रही है। अधवारा सीतामढ़ी में, खिरोई दरभंगा में महानंदा किशनगंज और पूर्णिया में जबकि घाघरा नदी का जलस्तर सीवान और सारण में ऊपर चढ़ रहा है। अगले 24 से 48 घंटे में इनके जलस्तर में और इजाफा होने का अनुमान है। 


इधर गंगा नदी का जलस्तर केवल पटना में बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर पटना से पहले इलाहाबाद, वाराणसी, बक्सर में जबकि पटना से आगे मुंगेर, भागलपुर में नीचे है। लेकिन पटना के तीनों स्थानों दीघाघाट, गांधीघाट और हाथीदह पर गंगा में पानी बढ़ता जा रहा है। दरअसल गंडक और घाघरा में पिछले 72 घंटे से पानी बढ़ा है। दोनों नदियों का पानी गंगा में पहुंच रहा है। इन दोनों नदियों के पानी के कारण ही गंगा पटना में लगातार ऊपर बढ़ रही है।