नीतीश सरकार में मंत्री जी के परिवार वालों का जलवा, अब रामप्रीत पासवान के बेटे विभागीय टीम से साथ जांच करने पहुंचे

नीतीश सरकार में मंत्री जी के परिवार वालों का जलवा, अब रामप्रीत पासवान के बेटे विभागीय टीम से साथ जांच करने पहुंचे

PATNA : नीतीश सरकार में मंत्री जी के परिवार वालों की इन दिनों बल्ले बल्ले है। मंत्री मुकेश साहनी के भाई संतोष साहनी के सरकारी कार्यक्रम में जाने और वीवीआईपी ट्रीटमेंट का मामला अभी पूरी तरह ठंडा भी नहीं हुआ कि एक अन्य मंत्री के बेटे से जुड़ा नया मामला सामने आ गया है। बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान के बेटे दीपक कल्याण उर्फ छोटू नल जल योजना की जांच करने गई विभागीय टीम में शामिल पाए गए हैं। 


पूरा मामला पूर्णिया जिले के रुपौली का है। यहां नल जल योजना की जांच करने के लिए विभागीय टीम पहुंची थी लेकिन इस टीम के साथ-साथ मंत्री जी के बेटे दीपक कल्याण भी पहुंच गए। मंत्री पुत्र की तस्वीर जांच टीम के साथ वायरल हुई और उसके बाद मंत्री रामप्रीत पासवान इस मामले पर घिरते नजर आ रहे हैं। हालांकि पीएचईडी मंत्री डॉक्टर रामप्रीत पासवान ने कहा है कि मैं पूर्णिया खुद भी गया था। मेरे साथ मेरे बेटे और पीएस भी थे। योजना की समीक्षा मैंने खुद की मंत्री जी ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके ड्राइवर की तबीयत खराब थी लिहाजा बेटे को साथ लेकर गए थे। उन्होंने इस मामले पर उठ रहे सवालों को बेबुनियाद बताया है। 


दो दिन पहले मंत्री रामप्रीत पासवान बीजेपी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि के पिता के श्राद्ध कर्म भाग लेने के लिए आए थे। उनके साथ मंत्री पुत्र और विभागीय ओएसडी विनोद कुमार पंकज भी पूर्णिया आए थे। आरोप है कि एक दिन बाद अमौर में नल जल योजना की जांच करने के बाद मंत्री लौट गए। ओएसडी और मंत्री पुत्र वही रूके और 2 दिनों तक कई प्रखंडों में नल जल योजना का निरीक्षण किया। मंत्री पुत्र और ओएसडी की तरफ से भवानीपुर की सुरैती सहित रुपौली की कई पंचायतों में काम का लिया जायजा लिया गया। इन सभी निरीक्षण में जांच टीम के साथ-साथ मंत्री पुत्र भी शामिल हुए। मंत्री के ओएसडी ने बताया कि पूर्णिया में नल जल योजना में धांधली की शिकायत मिली थी इसलिए मंत्री ही पूर्णिया आए थे। उधर इस मामले में विभाग के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार के मुताबिक मंत्री के पुत्र निरीक्षण के लिए रुपौली गए थे। वह योजनाओं की गुणवत्ता को देख रहे थे। वहां जांच टीम में कई अधिकारी शामिल थे। जाहिर है यह मामला एक बार फिर नीतीश सरकार की फजीहत करा सकता है। संभव है कि विधानसभा में आज इस मामले को लेकर हंगामा भी हो।