PATNA : 10 अगस्त 2022 सुबह 10:00 बजे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री आवास से निकलते हैं और उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहते हैं यह दोनों नेता राज और पहुंचते हैं और बिहार में नई सरकार का गठन होता है। नीतीश मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं तो तेजस्वी मंत्री पद की शपथ लेते हैं। अब आज इस महागठबंधन सरकार की पहली सालगिरह है। ऐसे में अब सोशल मीडिया पर इस सरकार को लेकर क्राइम का एक डाटा काफी सुर्खियां में बना हुआ है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक पेज चलाया जा रहा है जिस पर विशेष रूप से नीतीश तेजस्वी सरकार की खामियों को दिखाया जाता है। अब इस पेज पर महा गठबंधन सरकार के 1 साल पूरे होने पर एक डाटा जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि बिहार में जबसे नीतीश तेजस्वी की सरकार आई है एक बार फिर से जंगलराज का दौर शुरू हो गया। इस लिस्ट के जरिए बिहार में 10/08/ 2022 से लेकर 08/08/2023 तक के हत्या का डाटा जारी किया गया है।
इस डाटा में बताया गया है कि बिहार में पिछले 1 सालों में 3041 हत्याएं हुई है। जबकि हत्या का प्रयास 933 लोगों के साथ किया गया है। वहीं, बलात्कार के मामले 561 दर्ज किए गए हैं। जबकि अपहरण के मामले 194 और गोलीबारी की घटना का आंकड़ा 383 है। इसी तरह चोरी के 810 मामले है। जबकि हमला और रंगदारी के क्रमश: 194 और 93 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, फर्स्ट बिहार इस डाटा के सटीकता की पुष्टि नहीं करता है।
मालूम हो कि, सरकार ने आरएस भट्टी को जब बिहार का डीजीपी नियुक्त किया था, तब उनके कारनामों की खूब चर्चा हुई थी और संभावना जताई गई थी कि राज्य में अपराध पर लगाम लगेगी। पदभार ग्रहण करने के बाद डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा था कि अगर अपराधी बैठा होगा तो कुछ खुराफात करेगे। अगर आप अपराधियों को नहीं दौड़ाओगे तो वह आपको दौड़ाएगा। डीजीपी आरएस भट्टी के दावों से बिहार की जनता में यह उम्मीद जगी थी कि अब शायद अपराधियों पर अंकुश लग सकेगा लेकिन आज पुलिस अपराधियों को दौड़ाने में विफल साबित हो गई है और अपराधी पुलिस को दौड़ा रहे हैं।
आपको बताते चलें कि, इससे पहले राजधानी पटना में 30 दिन के भीतर 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आंकड़े बता रहे हैं जो खुद पटना पुलिस ने पेश किया है। पटना एसएसपी के मुताबिक, जुलाई के महीने में सिर्फ पटना में 30 लोगों की हत्या हो चुकी है इसके अलावा अपराध की अन्य कई घटनाएं भी घटित हुई हैं।