Bihar Politics: CM नीतीश कुमार पूरी तरह से स्वस्थ्य है, विपक्ष चिंता न करें; मुख्यमंत्री के हेल्थ पर बोले सम्राट चौधरी Jyoti Malhotra Case: ज्योति मल्होत्रा के बाद जांच के घेरे में आई एक और YouTuber , खुफिया एजेंसियों ने की पूछताछ Jyoti Malhotra Case: ज्योति मल्होत्रा के बाद जांच के घेरे में आई एक और YouTuber , खुफिया एजेंसियों ने की पूछताछ Life Style: शरीर की 3 बड़ी समस्या को दूर करने में सहायक है आम, जानकर आप भी चौंक जाएंगे BIHAR POLITICS: 15 वर्षों में नहीं हुआ छातापुर का विकास, जनता की आवाज़ बनकर सामने आए VIP नेता संजीव मिश्रा Bihar News: बिहार में राजधानी एक्सप्रेस से मिली ऐसी कौन सी चीज? देखकर पुलिस और अधिकारी रह गए दंग Bihar News: बिहार में राजधानी एक्सप्रेस से मिली ऐसी कौन सी चीज? देखकर पुलिस और अधिकारी रह गए दंग Patna News: पटना में गंगा नदी में बड़ा हादसा, नहाने गए तीन दोस्तों की डूबने से मौत; दो शव बरामद Patna News: पटना में गंगा नदी में बड़ा हादसा, नहाने गए तीन दोस्तों की डूबने से मौत; दो शव बरामद बिहार में अपराधियों का तांडव जारी, ई-रिक्शा से ठोकर लगने के बाद दबंगों ने चालक को मारी गोली, NMCH में भर्ती
1st Bihar Published by: Updated Mon, 02 Aug 2021 03:34:25 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह ने पहली बार गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. जेडीयू सांसदों के साथ गृह मंत्री से मिलने पहुंचे ललन सिंह ने अमित शाह से भेंट कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें उन्होंने जातीय जनगणना कराने की मांग की है.
बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि "हमने गृह मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें हमने जातीय जनगणना की मांग की है. 1931 के बाद से आज तक जातीय जनगणना नहीं हुई है, जब किसी वर्ग के लिए कोई नीति बनती है तो उसके लिए ये जानना जरूरी है कि किस वर्ग के लोग कितनी संख्या में हैं."
जेडीयू संसद ललन सिंह इससे पहले भी कह चुके हैं कि "जातीय जनगणना अंग्रेजों के जमाने में हुई थी उसके बाद नहीं हुआ. जातीय जनगणना होनी चाहिए. यदि इसकी मांग हो रही है तो इसमें बुराई क्या है? इसके आधार पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार योजना बनाएगी. जातीय जनगणना को लेकर बिहार विधान मंडल से 2 बार सर्वसम्मति से इसको पास किया गया है."
गौरतलब हो कि बिहार की दोनों बड़ी पार्टियां जेडीयू और आरजेडी लगातार देश में जातीय जनगणन कराने की मांग कर रही हैं. दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि जातीय जनगणना राष्ट्रहित में जरूरी है. काफी समय से इस बात की मांग हो रही है, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
आपको बता दें कि जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने यह भी चुनौती की बात है कि वह अपने सहयोगी बीजेपी के सामने जनसंख्या नियंत्रण कानून और जातीय जनगणना पर मुख्यमंत्री की सोच को बेहतर ढंग से रख सके. क्योंकि इन दोनों मुद्दे पर बीजेपी की सोच और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच बिल्कुल ही अलग है. ललन सिंह के सामने चुनौती है कि इन दोनों मुद्दे पर वह बीजेपी के साथ इस तरह बात करें कि कोई बीच का रास्ता निकल सके.
सियासी जानकार बताते हैं कि नीतीश की मंशा साफ झलक रही है. वे बीजेपी को फंसाना चाहते हैं. जातिगत जनगणना को लेकर वे बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं. बीजेपी के सामने उत्तर प्रदेश का चुनाव है. ये मामला तूल पकड़ता है को बीजेपी को उत्तर प्रदेश में नुकसान उठाना पड़ सकता है. यूपी चुनाव बीजेपी के लिए जीवन मरण का सवाल है. ऐसी स्थिति में नीतीश भाजपा पर दबाव बढ़ा रहे हैं.
उधर बीजेपी की स्थिति ऐसी हो गयी है जिसमें उसे ये मामला न निगलते बन रहा है और न उगलते. वह ना तो नीतीश का सपोर्ट कर सकती है औऱ ना ही नीतीश का विरोध. इसका फायदा नीतीश कुमार को बिहार सरकार में मिलेगा. नीतीश ने पहले ही 74 विधायकों वाली बीजेपी को राजकाज में किनारे लगा रखा है. जातिगत जनगणना का मसला इसलिए भी उठाया जा रहा है कि अगर सरकार में नीतीश के किसी फैसले पर बीजेपी आपत्ति जताये तो उसे जातीय जनगणना से ही जोड दिया जाये.