PATNA : कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान अब तेज हो चुका है। नाम वापसी की समय सीमा खत्म होने के बाद अब कुढ़नी के चुनावी मैदान में कुल 13 उम्मीदवार बचे हैं। 13 में से 4 उम्मीदवार चर्चा के केंद्र में हैं। जेडीयू के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा, बीजेपी के केदार गुप्ता, वीआईपी के निलाभ कुमार और एआईएमआईएम के मोहम्मद गुलाम मुर्तजा पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। कुढ़नी सीट पर पहले आरजेडी का कब्जा हुआ करता था लेकिन इस बार यह सीट जेडीयू के पाले में चली गई लेकिन महागठबंधन हर हाल में इस सीट पर फिर से कब्जा जमाना चाहता है। यही वजह है कि कुढ़नी उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक साथ चुनावी जनसभा करने जा रहे हैं। 2 दिसंबर को कुढ़नी में नीतीश और तेजस्वी की साझा जनसभा होगी।
कुढ़नी में 5 दिसंबर को वोट पड़ने हैं और इसके पहले तमाम बड़े चेहरे वहां अपनी ताकत दिखाते नजर आएंगे। तेजस्वी यादव 2 दिसंबर के पहले भी कुढ़नी के दौरे पर होंगे। 1 दिसंबर को जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के साथ तेजस्वी को चुनावी जनसभा संबोधित करनी है, हालांकि सबसे बड़ा क्लाइमैक्स 2 दिसंबर को होगा। जब चाचा और भतीजे की जोड़ी बिहार में नई सरकार बनाने के बाद पहली बार किसी चुनावी जनसभा को साथ–साथ संबोधित करेगी। जेडीयू ने आज से अपने नेताओं को कुढ़नी में कैंप कराना शुरू कर दिया है। कई ऐसे चेहरे हैं जिन्हें पूरे विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क का जिम्मा दिया गया है जबकि कई पूर्व मंत्रियों को पंचायत स्तर पर कैंप करने के लिए कह दिया गया है। नेताओं की पूरी लिस्ट जेडीयू ने तैयार की है जिन्हें अब चुनाव प्रचार खत्म होने तक कुढ़नी में ही कैंप करने को कहा गया है।
उधर बीजेपी ने भी अपने तमाम बड़े नेताओं का कुढ़नी में कार्यक्रम तय किया है। कई नेता कुढ़नी का दौरा कर चुके हैं और लगातार संगठन स्तर के कई नेताओं को वहां कैंप करने की जिम्मेदारी दी गई है। सबसे खास बात यह है कि वीआईपी के उम्मीदवार निलाभ कुमार के जरिए भूमिहार वोटों में सेंधमारी ना हो इसका काट निकालने के लिए बीजेपी ने इसी तबके से आने वाले नेताओं को कुढ़नी में खास जिम्मेदारी दे रखी है। राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर कुढ़नी के दौरे पर हैं और वह लगातार भूमिहार वोटो के बिखराव को रोकने के प्रयास में जुटे हुए हैं। बीजेपी का पूरा प्रयास है कि उसके वोटों में सेंधमारी ना हो साथ ही साथ इस बात पर भी बीजेपी की नजर है कि ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार गुलाम मुर्तजा महागठबंधन के वोटर्स में कितनी सेंध लगा पाते हैं।