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PATNA : तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चल रहे प्रदर्शन के बाद किसान अब दिल्ली के बार्डर खाली कर रहे हैं. किसानों ने टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर खाली करना शुरु कर दिया है. किसान पिछले एक साल से कृषि कानूनों और दीगर मुद्दों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. किसान जश्न मनाते हुए अपने घर लौट रहे हैं. दिल्ली बॉर्डर से किसानों की रवानगी शुरू हो गई है. आज सुबह 8.30 बजे किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों के जत्थे को बिजनौर के लिए रवाना किया.
लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत अभी घर जाने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. जबतक बिल वापसी नहीं तबतक घर वापसी नहीं का नारा देने वाले राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अपने घर जा रहे हैं, लेकिन हम 15 दिसंबर को घर जाएंगे. राकेश टिकैत ने कहा देश में कई जगह प्रदर्शन चल रहे हैं पहले उन्हें खत्म किया जाएगा उसके बाद हम अपने घर जाएंगे.
दरअसल 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की मांग को मानते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानून वापस लेगी. इसके बाद शीतकालीन सत्र शुरु होते ही सरकार ने वादे के मुताबिक संसद में बिल पेश किया और तीनों कृषि कानूनों की वापसी हुई.
कृषि कानून के खत्म होने के बावजूद किसान न्यूनतम समर्थन मू्ल्य समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद सरकार ने एक एक चिट्ठी के जरिए किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा. किसान नोताओं के मुताबिक किसानों ने अभी धरना खत्म नहीं किया है उन्होंने इसे स्थगित किया है.
अगर सरकार अपने वादे के मुताबिक काम नहीं करती है तो किसान दोबारा दिल्ली में आ सकते हैं. सरकार के मुताबिक 1 साल के धरने के दौरान यूपी, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में दर्ज केसों और मुकदमोंवापस लिया जाएगा.