DESK: झारखंड विधानसभा चुनाव जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन ने 56 सीट के साथ शानदार जीत दर्ज करायी और सत्ता की कुर्सी अपने पास बरकरार रखी। झारखंड में फिर हेमंत सरकार ने 24 सालों के इतिहास में नया रिकॉर्ड बनाया है। अब तक कोई भी सरकार लगातार दो बार सत्ता में नहीं आ सकी थी, लेकिन हेमंत सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। 28 नवम्बर को हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे और शपथग्रहण करेंगे। 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान हुआ था जिसका रिजल्ट 23 नवम्बर को घोषित किया गया। इंडिया ब्लॉक ने 56 सीटों पर जीत दर्ज किया है वही एनडीए ने 24 सीटें जीतीं है।
इस बार झामुमो से बीजेपी में आए पूर्व सीएम चंपाई सोरेन का जादू कोल्हान में नहीं चल सका। यहां 14 में से बीजेपी ने सिर्फ 3 सीटें जीती है। जबकि इंडि ब्लॉक ने 11 सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। झारखंड विधानसभा चुनाव में एनडीए की हार के बाद चंपाई सोरेन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि...जोहार साथियों, जैसा कि हमने पहले भी कहा था, झारखंड में लगातार बढ़ रहे बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ हमारा आंदोलन कोई राजनैतिक या चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान है। हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि वीरों की इस माटी पर घुसपैठियों को किसी भी प्रकार का संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकुड़, साहिबगंज समेत कई जिलों में आदिवासी समाज आज अल्पसंख्यक हो चुका है। अगर हम लोग वहाँ के भूमिपुत्रों की जमीनों और वहाँ रहने वाली बहू-बेटियों की अस्मत की रक्षा ना कर सके, तो…? चुनावी गहमागहमी के बाद, वीर सिदो-कान्हू, चांद-भैरव एवं वीरांगना फूलो-झानो को नमन कर के, बहुत जल्द हम लोग संथाल परगना की वीर भूमि पर अपने अभियान का अगला चरण शुरू करेंगे।
चंपाई सोरेन ने कहा कि सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी मगर हमारा समाज रहना चाहिए, हमारी आदिवासियत बची रहनी चाहिए, अन्यथा कुछ नहीं बचेगा। इस वीर भूमि से फिर एक बार “उलगुलान” होगा। जय आदिवासी ! जय झारखंड !!