RCP सिंह के पास इस्तीफे के अलावे कोई विकल्प नहीं, कुशवाहा बोले.. पार्टी लाइन से अलग गए तो एक्शन होगा ही

RCP सिंह के पास इस्तीफे के अलावे कोई विकल्प नहीं, कुशवाहा बोले.. पार्टी लाइन से अलग गए तो एक्शन होगा ही

PATNA : केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जनता दल यूनाइटेड में लगातार हाशिए पर जा रहे हैं। उनके करीबियों को पहले जेडीयू नेतृत्व ने अपने साथ आने का ऑफर दिया, जो पार्टी नेतृत्व के साथ चले आए वो तो बच गए लेकिन जो आरसीपी सिंह के साथ खड़े रहे उनके ऊपर गाज गिरनी भी शुरू हो गई है। मंगलवार को आरसीपी सिंह के पक्ष में खड़े कुछ नेताओं को जेडीयू ने बाहर का रास्ता दिखाया था और आने वाले दिनों में कुछ और नेताओं के ऊपर भी एक्शन हो सकता है। इस पूरे प्रकरण को लेकर पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुशवाहा ने कहा है कि पार्टी लाइन से अलग जाकर जो लोग भी अपनी राय जताएंगे उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा। 


आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर कुशवाहा अभी भी अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं। कुशवाहा ने कहा है कि आरसीपी सिंह की राज्यसभा सदस्य आने वाली 7 जुलाई को खत्म हो जाएगी, उसके बाद उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचता। आरसीपी सिंह को हर हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही होगा कि वह आरसीपी सिंह के सामने कोई मांग नहीं रहे बल्कि जो हकीकत है, वही बता रहे हैं। नैतिकता के आधार पर भी उन्हें यही करना चाहिए क्योंकि उनके पास कोई और ऑप्शन नहीं है। आरसीपी सिंह से दूरियों और ललन सिंह से नजदीकियों को लेकर फर्स्ट बिहार में जब उपेंद्र कुशवाहा से सवाल किया तो उन्होंने इस बात को जरूर कबूल किया कि ललन सिंह से उनका रिश्ता साल पुराना रहा है और नौकरशाह हुआ करते थे हालांकि उन्होंने आरसीपी सिंह से कोई व्यक्तिगत मतभेद होने की बात को खारिज किया। 


उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा है कि जेडीयू में सब कुछ ठीक है, क्योंकि नेता नीतीश कुमार हैं। कुशवाहा ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जेडीयू के स्टैंड की बाबत पूछे जाने पर कहा कि फिलहाल यह सवाल थोड़ा जल्दी है क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अभी तस्वीर ही साफ़ नहीं हुई है। हमारा स्टैंड सही समय पर सामने आ जाएगा। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर कुशवाहा स्पष्ट है कि डंडे के दम पर जनसंख्या नियंत्रण नहीं किया जा सकता। नीतीश कुमार का जागरूकता मॉडल ही सही है उसी से जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकता है।