ब्रेकिंग न्यूज़

MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल

जाति आधारित जनगणना पर 4 मई को होगी अगली सुनवाई, रोक लगाने से HC ने किया इनकार

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 19 Apr 2023 08:01:03 AM IST

जाति आधारित जनगणना पर 4 मई को होगी अगली सुनवाई, रोक लगाने से HC ने किया इनकार

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में चल रही जाति आधारित जनगणना के दूसरे चरण पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। इसको लेकर आधा दर्जन से अधिक याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्णय लिया है कि, वह इस मामले में फिलहाल रोक नहीं लगाने जा रही है। 


दरअसल, जाति आधारित जनगणना को लेकर राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 7 मार्च 2023 को जारी अधिसूचना को रद्द करने के लिए लगभग आधे दर्जन याचिकाएं पटना हाईकोर्ट में दायर की गई हैं। जिसके बाद  मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की है। कोर्ट ने कहा कि, वह इस मामले में फिलहाल रोक लगाने नहीं जा रही है। 


इससे पहले आवेदक की और से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह सहित हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय सिंह, दीनू कुमार, रीतिका रानी, धनंजय कुमार तिवारी, एमपी दीक्षित सहित कई वकीलों ने अपनी-अपनी याचिका पर पक्ष रखना चाहा। जिसके बाद  कोर्ट ने सभी मामलों पर 4 मई को सुनवाई करने का आदेश दिया है। इसी दौरान कई वकीलों ने जाति आधारित गणना पर रोक लगाने का अनुरोध कोर्ट से किया। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस केस में किसी तरह का अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा। 


वहीं, राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि दायर अर्जी में आकस्मिक निधि से 5 सौ करोड़ निकालने का आरोप लगाया गया है, जो निराधार है। एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कहा कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता के अधिकार में दखल दे रही है। कोई नागरिक अपनी जाति को खुलासा नहीं करना चाहता है तो भी उसकी जाति की जानकारी सभी को हो जाएगी। अगर कोई अपनी जाति नहीं बताता है तो जनगणना के काम में लगे कर्मी आसपास के लोगों से जानकारी लेकर उसकी जाति का जिक्र कर देंगे। यही नहीं धर्म और समुदायों का जिक्र करने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार को ऐसा करने का अधिकार नहीं है।


आपको बताते चलें कि, राज्य सरकार ने जातीय गणना के दूसरे चरण के लिए पहली मार्च को अधिसूचना जारी की है। इसके तहत जातीय गणना के दूसरे चरण का काम 15 अप्रैल से शुरू हो गया है जो 15 मई तक पूरा होगा। इस बार के गणना में जाती, आर्थिक आय के साथ ही साथ सभी तरह की जानकारी ली जाएगी।