PATNA : हड़ताली नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। पटना हाईकोर्ट के एक फैसले से समान काम समान वेतन और समान सेवाशर्त की लड़ाई लड़ रहे शिक्षकों को बड़ा हथियार मिल गया है। सरकार को अब इस फैसले के मुताबिक नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त चार महीने में तैयार करनी होगी साथ ही सैलरी इंक्रीमेंट के बारे में गंभीरता से सोचना पड़ेगा।
पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त 4 माह के अंदर तैयार की जाए।सुप्रीम कोर्ट ने समान काम समान वेतन मामले में दिए अपने फैसले के पारा 78 और 80 में सरकार को यह निर्देश दिया था कि टीईटी परीक्षा पास शिक्षकों को एक्सपर्ट टीचर मानते हुए बेहतर वेतनमान दे और जो शिक्षक टीईटी परीक्षा पास नहीं उन्हें 20 प्रतिशत की वेतन वृद्धि दे।दरअसल बिहार के सवा लाख टीईटी शिक्षक पूर्व से ही मांग कर रहे हैं कि 'समान काम समान वेतन' के फैसले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों का बिहार सरकार अनुपालन करे। अब पटना हाई कोर्ट के द्वारा भी इस फैसले में पारित आदेश से उनके मांग को मजबूती मिल गई है।
पटना हाईकोर्ट ने सीवान के कुमार सौरव एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किया है। टीईटी शिक्षक संघ के मुताबिक 22 फरवरी को हाई कोर्ट का जजमेंट अपलोड हुआ है जिसमें स्पष्ट तौर पर हाईकोर्ट के जज अनिल उपाध्याय ने बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देशों को लेटर एंड स्पिरिट में पालन करे और 4 माह के अंदर नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त एवं नियमावली तय करे। इस मामले में 19 फरवरी को अंतिम बहस हुई थी।
गौरतलब है कि बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक समान काम समान वेतन और समान सेवा शर्त समेत कई मुद्दों पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। इनमें बिहार के सवा लाख टीईटी शिक्षक भी शामिल हैं जिनके पक्ष में सरकार ने फैसला दिया है। इस फैसले का असर सभी नियोजित शिक्षकों पर भी पड़ेगा। कम से कम सेवा शर्त नियमावली के मामले में इस फैसले का खासा असर देखा जा सकता है।