VAISHALI: बिहार में बेरोजगारी इस कदर हावी है कि एक महिला ने फर्जी तरीके से नियुक्ति पत्र ही बनवा लिया और योगदान करने के लिए स्कूल में पहुंच गयी। लेकिन वहां उसकी सारी चालाकी पकड़ी गई। नियुक्ति पत्र में QR CODE नहीं रहने और सीरियल नंबर, रौल नंबर मैच नहीं करने पर स्कूल के प्राचार्य को शक हुआ। उन्होंने महिला को हाजीपुर डीईओ कार्यालय ऑर्डर लेटर लाने के लिए भेज दिया।
हाजीपुर डीईओ कार्यालय में जब वो पहुंची और पदाधिकारियों ने नियुक्ति पत्र की जांच की। तभी पता चला कि नियुक्ति पत्र ही फर्जी है। जिसके बाद महिला को DEO के चैम्बर में ले जाया गया। जहां डीईओ ने जब महिला से पूछताछ की तब पता चला कि महुआ अनुमंडल क्षेत्र के पातेपुर रोड स्थित शर्मा साइबर कैफे ने उसे बेवसाइट पर नियुक्त पत्र जारी होने की बात कही थी। साइबर कैफे के द्वारा ही उसे नियुक्ति पत्र का प्रिंट आउट दिया गया।
फर्जी शिक्षिक अभ्यर्थी महिला की पहचान महुआ थाना क्षेत्र के मिर्जानगर गांव के रहने वाले मोहम्मद सेराज की पुत्री शाजिया खातून के रूप में हुई है। पकड़ी गई महिला ने बताया कि 13 दिसंबर को शर्मा साइबर से फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया था जिसे लेकर वो पातेपुर सैदपुर डुमरा मध्य विद्यालय में योगदान देने पहुंची थी लेकिन वहां उसे योगदान करने नहीं दिया गया।
उसे स्कूल से DEO कार्यालय भेजा गया। कहा गया कि डीईओ से ऑडर करवाने के बाद ही योगदान करने दिया जाएगा। जब शाजिया खातून डीईओ कार्यालय ऑर्डर लेटर के लिए आज हाजीपुर पहुंची तब शक के आधार पर नियुक्ति पत्र की जांच की गई जो फर्जी पाया गया। नियुक्ति पत्र फर्जी होने की बात खुद शाजिया ने डीईओ के समक्ष स्वीकारा।
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी बीरेंद्र नारायण ने बताया कि फर्जी तरीके से जारी किए गए नियुक्ति पत्र को लेकर शाजिया खातून पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के सैदपुर डुमरा मध्य विद्यालय में योग्दान करने 13 दिसंबर को पहुंची थीं तभी QR CODE और सिरियल रौल नंबर मैच नहीं करने पर स्कूल में योगदान करने नहीं दिया गया। डीईओ कार्यालय से ऑर्डर लेने के लिए स्कूल ने महिला को हाजीपुर कार्यालय भेजा। जब नियुक्ति पत्र को जांचा गया तो यह फर्जी निकला। DEO ने कहा कि इसकी सूचना वैशाली डीएम और विभागीय अधिकारी को सूचित किया गया है। वही शर्मा साइबर कैफे के मालिक और फर्जी महिला अभ्यर्थी के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की अनुशंसा की है।