HAJIPUR: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन जब रुखसाना ने सुना तो इतनी प्रभावित हो गई कि वह रुखसाना से रुकमणी बन गई. जिसके बाद वह पहले अपने प्रेमी के साथ गंडक नदी में डुबकी लगाई. फिर मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ सात फेरे लिए. प्रेमी वैशाली का रहने वाला है.
दरअसल यह प्रेम की कहानी जयपुर के एक कॉलेज से शुरू हुई. जहां राज्य के हाजीपुर के लालगंज सहथा कुंवर टोला के रहने वाला रौशन कुंवर जयपुर के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था. वही उसकी मुलाकात मुजफ्फरपुर जिले के गिजांस की रहने वाली रुकसाना अंसारी से हुई और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे. जो प्रेम कहानी पिछले 4 वर्षों से चलते आ रहा था. जिसके बाद अब दोनों प्रेमी प्रेमिका को शादी के बंधन में बांध दी गई. बताया गया कि लड़की रुखसाना जो अब रुकमणी बन चुकी है. वह बिना किसी दबाव के अपने राजी खुशी से रोशन का धर्म अपनाने के लिए तैयार हुई और शादी कर ली.
हालांकि इस दौरान सनातन धर्म के अनुसार धर्म परिवर्तन के लिए जाने वाली रीति रिवाज से रुकमणी को गुजरना पड़ा. गंडक नदी पर उसके शुद्धिकरण के बाद लालगंज के प्रबुद्ध जनों एवं लड़के के परिजनों की उपस्थिति में रोशन और रुकमणी शादी के बंधन में बंध गए. वही इस बात की खबर मिलते ही हिंदू पुत्र संगठन के राजीव महर्षि और अमन कुमार मौके पर पहुंच लड़के और लड़की को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किए. इस शादी में महिलाओं ने मंगल गीत गाए तो लोगों ने काफी ताली बजाते हुए कहा की देर से ही सही लेकिन लड़की ने सही कदम उठाया है. अपने घर वापसी की है. वही शादी कराने वाले पंडित आचार्य पंडित कमला कांत पांडे ने कहां की यह शादी हिंदू रीति रिवाज के अनुसार किया गया है. लड़के एवं लड़की ने शादी के बंधन में बंधते वक्त एक दूसरे से कई वचन निभाने का वादा किए हैं. और मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं.
वही शादी के दौरान दो धर्म को एक होते देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस शादी को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने एवं लड़के पक्ष के आए हुए लोगों ने शादी में होने वाले रीति रिवाज में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. कोई हल्दी की रस्म करते कोई चुमआते दिखे तो कोई सुखद दांपत्य जीवन की आशीर्वाद देते तो देखिए क्या बता रहे हैं. शादी के बंधन में बंधने वाले लड़के एवं लड़की तथा शादी के प्रत्यक्षदर्शी बने लोग.