शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, सुशील मोदी और पंकज उधास को पद्म भूषण अवार्ड, मरणोपरांत मिला सम्मान Sanjeev Mukhiya: EOU के सामने संजीव मुखिया कई राज उगले, कहा..पटना-रांची-दरभंगा-धनबाद के कई डॉक्टर सॉल्वर गैंग में थे शामिल बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट..
1st Bihar Published by: Updated Wed, 22 Jan 2020 11:11:47 AM IST
- फ़ोटो
DELHI: इस वक्त की बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट से आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने CAA पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. CJI ने कहा है कि हम एकतरफा आदेश नहीं दे सकते हैं. सभी याचिकाओं को देखने के बाद सीजेआई ने CAA पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले पर 4 हफ्तों में जबाव देने का वक्त दिया है. अब 5 हफ्ते बाद इस मामले पर अगली सुनवाई होगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि CAA पर याचिका दाखिल करने पर कोर्ट रोक नहीं लगाएगी. सीजेआई ने ये भी कहा है कि अगली सुनवाई में ये तय होगा कि इस मामले को संवैधानिक पीठ में भेजा जाएगा या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन एक्ट पर दायर याचिकाओं को अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया है. इसके तहत असम, नॉर्थ ईस्ट के मसले पर अलग सुनवाई की जाएगी. वहीं, उत्तर प्रदेश में जो CAA की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है उसको लेकर भी अलग से सुनवाई की जाएगी. अदालत ने सभी याचिकाओं की लिस्ट जोन के हिसाब से मांगी है, जो भी बाकी याचिकाएं हैं उनपर केंद्र को नोटिस जारी किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में भीड़ का सवाल उठाते हुए कहा कि कोर्ट का मौहाल शांतिपूर्ण होना चाहिए. वहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि इस पहलू पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए. जिसके बाद अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए सरकार दो हफ्तों का वक्त चाहिए.