पटना में 24 पाकिस्तानी महिलाओं की लिस्ट जारी, तीन ने ली भारतीय नागरिकता 40 साल दरगाह की सेवा के बाद श्यामलाल की घर वापसी, पहलगाम आतंकी हमले से हुआ हृदय परिवर्तन Bihar News: सदर अस्पताल में मिला 25 वर्षीय युवक का शव, प्रेमिका के परिवार वालों पर हत्या का आरोप आतंकवादी हमले के खिलाफ पटना में महागठबंधन का कैंडल मार्च, तेजस्वी यादव-मुकेश सहनी सहित कई नेता रहे मौजूद Road Accident: भारतीय सेना के जवान की सड़क हादसे में मौत, पिता के निधन के बाद छुट्टी पर आए थे घर गोपालगंज में 4 दिन से लापता युवती की लाश बगीचे से बरामद, हत्या के विरोध में परिजनों ने किया सड़क जाम हंगामा CSKvsSRH: 10वें स्थान को लेकर CSK और SRH में रोचक जंग के बीच चेन्नई को मिले भविष्य के 2 सुपरस्टार BIHAR NEWS: विनोद सिंह गुंजियाल बने बिहार के नये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 2007 बैच के हैं IAS अधिकारी महागठबंधन में महाघमासान होना तय! RJD से दबने को तैयार नहीं कांग्रेस, को-ओर्डिनेशन कमेटी में दिखा दिया अपना जोर Pahalgam Terror Attack: रूस की अपने नागरिकों को सलाह, “पाकिस्तान की यात्रा न करें”, भारत-पाक के बीच तनाव से पूरी दुनिया अलर्ट
1st Bihar Published by: Updated Wed, 22 Jan 2020 09:04:32 AM IST
- फ़ोटो
DELHI: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दायर 144 याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट CAA के खिलाफ और समर्थन में दायर कुल 144 याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा. दायर की गई याचिकाओं में एक याचिका केंद्र सरकार की तरफ से दाखिल की गई है.
याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ और विभाजनकारी बताते हुए CAA को रद्द करने की मांग की है. ज्यादातर याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून की वैधता को चुनौती दी गई है, वहीं कुछ याचिकाओं में CAA को संवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. इन याचिकाओं पर सीजेआई एस ए बोबड़े, जस्टिस अब्दुल नज़ीर और संजीव खन्ना की बेंच सुनवाई करेगी.
नागरिकता कानून के खिलाफ केरल सरकार, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, आरजेडी नेता मनोज झा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद समेत 144 याचिकाएं दाखिल की गई हैं. ज्यादातर याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये कानून भारत के पड़ोसी देशों से हिंदू, बौद्ध, इसाई, पारसी, सिख और जैन समुदाय के सताए हुए लोगों को नागरिकता देने की बात करता है लेकिन इस कानून में जानबूझकर मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है.