बिहार शिक्षक नियुक्ति: B-ED पास कैंडिडेट नहीं बन पाएंगे प्राइमरी टीचर, 3.90 लाख अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक, बैठक में हुआ फैसला

बिहार शिक्षक नियुक्ति: B-ED पास कैंडिडेट नहीं बन पाएंगे प्राइमरी टीचर, 3.90 लाख अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक, बैठक में हुआ फैसला

PATNA: बिहार में शिक्षकों की बहाली को लेकर बीपीएससी और शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब बीएड पास अभ्यर्थी प्राइमरी के टीचर नहीं बन सकेंगे। मंगलवार को शिक्षा विभाग और बीपीएससी के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। बीपीएससी और शिक्षा विभाग के इस फैसले के बाद शिक्षक बहाली में शामिल 3.90 लाख बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। 14 सितंबर को अब सिर्फ डीएलएड का रिजल्ट जारी किया जाएगा।


दरअसल, बिहार में 1.70 लाख पदों पर शिक्षकों की बहाली के लिए बीपीएससी की तरफ से भर्ती निकाली गई थी। 24 से 26 अगस्त तक शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ था। परीक्षा देने के बाद अभ्यर्थियों को नतीजों का बेसब्री से इंतजार है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में कक्षा एक से पांचवी तक के लिए 3 लाख 90 हजार बीएड पास अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। कक्षा 1 से 5वीं तक के रिजल्ट पर फिलहाल बीपीएससी ने रोक लगा रखी थी और शिक्षा विभाग से सुझाव मांगे थे। बिहार में शिक्षक नियुक्ति से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर बीपीएससी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच मंगलवार को बैठक हुई है। 


राजस्थान में शिक्षक बहाली के मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्राइमरी शिक्षक के लिए बीएड की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे। केवल बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले ही पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए पात्र होंगे। BPSC अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने पिछले दिनों कहा था कि कक्षा 9 से 12 तक के कई विषयों में रिक्ति की तुलना में अभ्यर्थियों की संख्या कम है। निर्धारित रिक्ति के 75 प्रतिशत तक रिजल्ट देने की तैयारी है। वैसे कक्षा 9 से 12 तक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 25 सितंबर तक जारी होगा। इस माह के अंत तक कक्षा 1 से 5 तक का भी रिजल्ट आ जाएगा।


जानकारों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है‎ कि बीएड वाले प्राथमिक शिक्षक‎ नहीं बनेंगे। कोर्ट के आदेश को NCTE ने‎ अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। ऐस में तय है कि बीएड‎ पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति कक्षा एक से 5वीं तक के लिए ‎नहीं होगी। ऐसा कहा जा रहा है कि हो सकता है कि सीटेट पाल बीएड अभ्यर्थियों को मध्य विद्यालय में शिक्षक बनने का मौका दे हालांकि फिलहाल इस पर शिक्षा विभाग की तरफ से कोई सूचना जारी नहीं की गई है।