PURNEA: भागदौड़ भरी इस जिंदगी में आपसी रिश्ते ही नहीं परिवार भी टूट रहे हैं। लगातार बढ़ती घरेलू कलह न केवल रिश्तों में दरार डाल रही है बल्कि अविश्वास भी भावना को भी बढ़ावा दे रही है। पूर्णिया के पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में ऐसे ही 32 मामलों की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान परामर्श केंद्र के सदस्यों ने 32 में से 7 मामलों को सुलझा दिया और पति-पत्नी को समझा बुझाकर उनका घर फिर से बसा दिया। हालांकि सुनवाई के दौरान कुछ ऐसे मामले भी सामने आए जो चौंकाने वाले थे।
पहला मामला जानकीनगर थाना क्षेत्र के रामपुर तिलक का है, जहां एक पति ने बताया कि उसका विवाह 20 साल पहले हुआ था। बाद में पांच बच्चों को छोड़कर उसकी पत्नी घर छोड़कर चली गई। बिना मां के पांच बच्चे मां के लिए तरस रहे हैं। पति ने बताया कि वह पत्नी को लाने के लिए मधेपुरा के उदाकिशनगंज स्थित अपने ससुराल भी गया था लेकिन साले ने मारपीट कर भगा दिया। पीड़ित पति की गुहार पर केंद्र के सदस्यों ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मिला दिया।
दूसरा मामला सरसी थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक पत्नी की शिकायत थी कि उसका पति दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करता है। केंद्र की पहल से दोनों पक्षों की रजामंदी से मामले को सुलझा लिया गया। वहीं केनगर थाना क्षेत्र के गणेशपुर निवासी एक पति की शिकायत थी कि विवाह के चार साल बाद उसकी पत्नी रुपये लेकर अचानक भाग गयी। वहीं मरंगा थाना क्षेत्र की एक महिला ने की शिकायत थी कि उसका पति जुआ खेलता है और मना करने पर उसके साथ मारपीट करता है।
जबकि केनगर चकला की एक महिला का आरोप था कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है और उसे मारपीट कर भगा दिया है। वहीं पति का कहना था कि उसकी पत्नी बिना कुछ बताए अक्सर अपने मायके चली जाती है, इसलिए उसने दूसरी शादी कर ली। केंद्र के समझाने पर पति पहली पत्नी को सम्मान के साथ घर में रखने पर तैयार हो गया। पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में मामले को सुलझाने में केंद्र के सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्ययंत्री, रविंद्र शाह, प्रमोद जायसवाल, एएसआइ शकीला खातून एवं कार्यालय सहायक नारायण गुप्ता ने अहम भूमिका निभायी।