बिहार में सेवामुक्त की गयीं 18 हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं की नौकरी बहाल हुई, CM के आदेश के बाद विभाग ने जारी किया पत्र

बिहार में सेवामुक्त की गयीं 18 हजार आंगनबाड़ी सेविकाओं की नौकरी बहाल हुई, CM के आदेश के बाद विभाग ने जारी किया पत्र

PATNA: बिहार में हड़ताल करने के आरोप में काम से हटायी गयीं 18 हजार 220 आंगनबाड़ी सेविकाओं की नौकरी फिर से बहाल कर दी गयी है. समाज कल्याण विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है. शनिवार की देर शाम छुट्टी होने के बावजूद समाज कल्याण विभाग ने आदेश निकाला. विभाग ने ये पत्र सीएम नीतीश कुमार के निर्देश के बाद निकाला है.


समाज कल्याण विभाग में आईसीडीएस के निदेशक की ओर से पत्र निकाला गया है. शनिवार की देर शाम जारी हुए इस पत्र में कहा गया है-“हड़ताल अवधि में कतिपय जिला प्रोग्राम पदाधिकारी द्वारा चयनमुक्त की गयी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के चयनमुक्ति आदेश को सम्यक विचारोपरांत निरस्त किया जाता है. संबंधित सेविका या सहायिका अपने कर्तव्य पर योगदान देंगी. हड़ताल अवधि से योगदान अवधि तक किसी प्रकार का मानदेय, प्रोत्साहन राशि आदि देय नहीं होगा.”


बता दें कि शनिवार की दोपहर ही नीतीश कुमार ने नौकरी से हटायी गयीं 18 हजार 220 आंगनबाडी सेविकाओं-सहायिकाओं को काम पर वापस रखने का आश्वासन दिया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिका संघ के शिष्टमंडल को यह भरोसा दिलाया था. मुख्यमंत्री ने ये भी  कहा था कि सेविका-सहायिका के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जायेगी. उनके आश्वासन के बाद आनन फानन में कार्यमुक्त करने का आदेश वापस लिया गया.


मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ ने अपनी समस्याएं उनके सामने रखी थीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी सेवाओं में बेहतरी के लिए कई कदम उठाये गये हैं. सेविका-सहायिका के मानदेय में समय-समय पर वृद्धि की जाती है. सरकार और वृद्धि करने पर विचार करेगी.


दरअसल, नवंबर 2023 में मानदेय बढ़ाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सहायिका और सेविकाओं ने हड़ताल किया था. यह हड़ताल दो महीने से अधिक समय तक चला था. इस प्रदर्शन के दौरान सेविका-सहायिकाओं पर पटना में लाठीचार्ज भी हुआ था. सेविका सहायिकाओं के हड़ताल पर जाने की वजह से अंगनबाड़ी केंद्रों का काम बिल्कुल ठप हो गया था. आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई. साथ ही कई अन्य लोग भी सरकारी योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए. इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने 18 हजार से अधिक सेविका -सहायिकाओं को सेवामुक्त कर दिया था.


 जल्द ही बढ़ेगा मानदेय

वहीं, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल्द ही सेविका-सहायिका का मानदेय बढ़ाने पर निर्णय लिया जायेगा. फिलहाल आंगनबाड़ी सेविका को 5930 रुपया मिलता है तो सहायिका को 2975 रुपया मिलता है. विभाग के स्तर पर मानदेय बढ़ाने को लेकर काफी समय से विचार हो रहा हैं. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अगले सप्ताह मानदेय बढ़ाने को लेकर बैठक होगी.