बिहार में रिटायर्ड पुलिसवालों को फिर से मिलेगी नौकरी, एक SP और 7 DSP समेत 69 लोगों को दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी

बिहार में रिटायर्ड पुलिसवालों को फिर से मिलेगी नौकरी, एक SP और 7 DSP समेत 69 लोगों को दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी

PATNA : बिहार पुलिस में आपराधिक मामलों की जांच की निगरानी को लेकर एक नई टीम का गठन होने जा रहा है. बड़े आपराधिक मामलों की जांच में सहयोग के लिए बनाये जाने वाली इस टीम में  पुलिस मुख्यालय रिटायर्ड पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की भर्ती करेगी. ये टीम आपराधिक मामलों के इंवेस्‍टीगेशन और अपराधियों को जल्‍द सजा दिलाने की निगरानी करेगी.


गौरतलब हो कि जून महीने में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक में बिहार पुलिस में इन्वेस्टीगेशन मॉनिटरिंग सेल के गठन को लेकर स्वीकृति दी गई थी. राज्य मुख्यालय स्तर पर एक एसपी, 7 डीएसपी, 13 इंस्पेक्टर, 8 एएसआई और 11 सिपाही के पद सृजित करने की स्वीकृति दी गई. इनके अलावा 21 कम्प्यूटर ऑपरेटर और आठ चालक सिपाही का भी पद सृजित करने की भी घोषणा की गई. अब इन्वेस्टीगेशन मॉनिटरिंग सेल यानी कि आईएमसी में इन सभी पदों को भरने की कवायद तेज हो गई है.


गृह विभाग ने समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश दिया है. अपर मुख्य सचिव की ओर से दिए आदेश में कहा गया है कि इन्वेस्टिगेशन सेल के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त अवर निरीक्षक और सहायक अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी का पुनर्नियोजन किया जाए. पदाधिकारियों, सहायकों और अन्य कर्मियों की सीधी नियुक्ति या पदस्थापन होने तक रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त पदाधिकारियों और सहायकों के पुनर्नियोजन की विवरणी तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग को अधियाचना भेजने का निर्देश दिया गया है.


बताया जा रहा है कि टीम के गठन के साथ ही अनुसंधान निगरानी कोषांग की जवाबदेही भी तय कर दी गई है. अनुसंधान निगरानी कोषांग के तहत पटना रेंज को एक डीएसपी मिला है. इसके अलावा प्रत्येक दो रेंज पर एक डीएसपी को जवाबदेही दी गई है. सभी डीएसपी के काम की निगरानी सीनियर एसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.


बताया जा रहा है कि बिहार में आपराधिक मामलों की जांच को लेकर इस टीम का गठन किया जा रहा है, जो आपराधिक मामलों के इंवेस्‍टीगेशन और अपराधियों को जल्‍द सजा दिलाने की निगरानी करेगी. इसका नेतृत्व एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक यह सेल जिलों में अपराध नियंत्रण के उपाय और पेंडिंग मामलों की जांच की गति की मॉनीटरिंग करेगा.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस टीम का मकसद जिला और थाना स्तर पुराने और लंबित मामलों का निबटारा तेज करना है. अपराध नियंत्रण के लिए यह जरूरी है कि पेंडिंग मामलों का जल्द अनुसंधान कर अपराधी को सजा दिलाई जाए ताकि अपराधियों के साथ समाज में भी एक संदेश जाए.