BUXAR: बिहार के बक्सर जिले में गधे की मौत के बाद भारी बवाल हो गया. गधे की मौत पर मुआवजा मांगा जा रहा था, सरकारी अमले ने 55 लोगों के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज करा दिया है. पुलिस मामले की छानबीन में लगी है.
मामला बिहार के बक्सर जिले के केसठ प्रखंड का है. वहां करंट लगने से गधे की मौत हुई. उसके बाद हंगामा खड़ा हो गया. सरकार ने तीन घंटे से अधिक समय तक बिजली आपूर्ति बाधित करने के आरोप में 55 ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. बक्सर के पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने मीडिया को बताया कि गधे की मौत के बाद चकौदा पावर ग्रिड स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गये. वे गधे की मौत के लिए मुआवजे की मांग कर रहे थे. इसी दौरान कुछ लोग पावर ग्रिड कार्यालय में घुस गए और इलाके की बिजली आपूर्ति बंद कर दी.
इस मामले में बिजली विभाग की ओर से ग्रामीणों के खिलाफ बिजली आपूर्ति बाधित करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा उत्पन्न करने की शिकायत दर्ज कराई. बिजली विभाग के इंजीनियर की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 55 ग्रामीणों के खिलाफ तीन घंटे तक इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने गधे की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश को शांत कराने में बिजली विभाग के पसीने छूट गये. विभाग के बड़े अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद तीन घंटे से बाधित बिजली की आपूर्ति बहाल की जा सकी.
उधर, ग्रामीणों ने गधे की मौत को लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग की लापरवाही से गधे की मौत हुई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ऐसे हुए गधे की मौत
स्थानीय लोगों ने बताया कि रामपुर गांव में लोहे के बिजली के पोल में अचानक करंट प्रवाहित होने लगा. दो गधे पोल में सटते ही करंट की चपेट में आ गए. इससे एक की मौत हो गई, वहीं दूसरा गधा बुरी तरह झुलस गया. करंट से गधे की मौत के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पावर ग्रिड पर पहुंच प्रदर्शन करने लगे. ग्रामीणों ने बिजली सप्लाई बाधित कर दी. उनका कहना था कि बिजली कंपनी की लापरवाही के कारण ये घटना हुई है. गधों को बचाने में तीन आदमी भी करंट की चपेट में आकर झुलस गये.
80 हजार में खरीदा था गधा
जिस गधे की मौत हुई उसके मालिक रतन रजक ने बताया कि वह हाल ही में 80 हजार रुपए में एक गधा खरीदकर लाया था. गधे के सहारे वह ईंट-भट्ठे पर ईंट ढोने का काम करता था औऱ इससे ही परिवार की रोजी-रोटी चल रही थी. स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि बिजली कंपनी की लापरवाही के कारण इस पंचायत में अब तक करीब आधे दर्जन पशुओं की जान जा चुकी है.
बिजली कंपनी के अधिकारियों को कई बार इसकी सूचना दी गई है कि तार जर्जर हैं, ट्रांसफार्मर में स्वीच नहीं है. लेकिन, आवेदन देने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया. इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने पावर ग्रिड पर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद बिजली कंपनी के कनीय अभियंता अविनाश कुमार ने पांच लोगों पर नामजद और 50 अज्ञात लोगों एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है कि प्रदर्शन की वजह से करीब तीन घंटे तक बिजली की सप्लाई बाधित रही. इससे बिजली कंपनी को करीब 1 लाख 44 हजार का नुकसान हुआ.