राज्य में फिर से बालू का संकट पैदा होगा, सरकार का अलर्ट मैसेज.. अगले महीने रुकेगा खनन

राज्य में फिर से बालू का संकट पैदा होगा, सरकार का अलर्ट मैसेज.. अगले महीने रुकेगा खनन

PATNA : बिहार में अगले महीने एक बार फिर से बालू का संकट पैदा होने जा रहा है। बिहार में बालू का खनन अगले महीने 25 दिसंबर के बाद नहीं होगा। बालू खनन पर रोक हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले के तहत लगाई जा रही है और इसे लेकर राज्य सरकार ने अलर्ट मैसेज जारी किया है। अलर्ट मैसेज प्राइवेट बिल्डर्स और आम लोगों के लिए नहीं है बल्कि सरकार ने अपने अलग-अलग विभागों को संदेश भेजा है कि अगले महीने बालू खनन का काम बिहार में बंद हो जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, जल संसाधन विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, भवन निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को अलर्ट किया गया है। 


खनन विभाग का अलर्ट

बिहार में 26 दिसंबर के बाद बालू खनन पर रोक से जुड़ी जानकारी राज्य के खान एवं भूतत्व विभाग की तरफ से दी गई है। विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर के मुताबिक सभी विभागों को यह सूचना दे दी गई है। विभाग की तरफ से दी गई सूचना में कहा गया है कि हाईकोर्ट में सिविल अपील की सुनवाई 26 सितंबर को हुई कि इसमें जो अंतरिम आदेश जारी किया गया था उसके मुताबिक 25 दिसंबर तक की बालू के खनन की अनुमति दी गई थी। बालू खनन में आने वाली परेशानियों को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने विभागों को जरूरत के मुताबिक बालू स्टॉक कर लेने का सुझाव दिया है, ताकि सरकारी निर्माण कार्य प्रभावित ना हो। बिहार में तीन महीने तक बालू खनन का काम था और पिछले महीने ही यह शुरू हो पाया था लेकिन अब एक बार फिर से बालू खनन पर रोक रहेगी। 


हाईकोर्ट के फैसले के कारण रोक

आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश में बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया को बिना देरी के पूरा कराने और साथ ही साथ पर्यावरण स्वीकृति लेने का आदेश दिया गया था। अंतरिम व्यवस्था के तहत हाईकोर्ट में बिहार राज्य खनन निगम को तीन महीने के लिए राज्य में बालू खनन की अनुमति दी थी, जिसकी समय सीमा 25 दिसंबर को खत्म हो रही है। बिहार में फिलहाल बालू घाटों की नीलामी हो रही है और जल्द ही या प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। लेकिन दोबारा खनन की प्रक्रिया शुरू होने में अभी समय लगेगा। हाईकोर्ट ने नीलामी से पहले एनवायरमेंटल इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी से पर्यावरण स्वीकृति को भी अनिवार्य किया था।