PATNA : बिहार के विश्वविद्यालयों में सहायक के व्याख्याताओं यानी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया आज से शुरू हो जाएगी। सरकार की तरफ से इसकी तैयारी पूरी की जा चुकी है। सुबह 8 बजे से इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों को सभी दस्तावेजों की मूल प्रति और कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के साथ बुलाया है। पहले दिन आज अंगिका विषय से जुड़े असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। एक तरफ जहां असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए बहाली की प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है वहीं दूसरी तरफ इनकी नियुक्ति पटना हाई कोर्ट की तरफ से अंतिम फैसला आने के बाद ही हो पाएगी।
पटना हाईकोर्ट ने राज्य के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए जारी विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद कहा है कि इस केस के अंतिम निर्णय के बाद ही बहाली निर्भर करेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को 1 हफ्ते के भीतर जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति विकास जैन की एकलपीठ ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को यह आदेश दिया है। याचिका में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने बहाली प्रक्रिया पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन इतना जरूर कहा कि किसी भी तरह का अंतिम चयन इस याचिका के ऊपर फैसला आने के बाद ही निर्भर करेगा।
याचिका के माध्यम से कोर्ट को यह बताया गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए जारी विज्ञापन संवैधानिक मैंडेड और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। इंदिरा साहनी के केस में सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं देने का निर्णय लिया था लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए जारी विज्ञापन में 70 फ़ीसदी से ज्यादा आरक्षण दिया जा रहा है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरने के लिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने विज्ञापन जारी किया है। आपको बता दें कि बिहार में कुल 4638 से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति होनी है देशभर से लगभग 67000 आवेदन आए हैं और 52 अलग-अलग विषयों के लिए यह बहाली हो रही है।