DESK : कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में अलग अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. किसी को बुखार, सर्दी खांसी की समस्या होती है तो किसी को सांस लेने में तकलीफ. यही कारण है कि इस संक्रमण के लक्षण को पहचाने में समय लग जाता है. जब तक जांच करा कर इलाज शुरू किया जाता है तब तक कई लोग अनजाने में संक्रमित हो गए हुए होते हैं.
बच्चों में भी इसका संक्रमण काफी आसानी से फैलता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चे थोड़े लापरवाह होते हैं. साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है. ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने बच्चों पर अध्ययन कर कोरोना से जुड़े कुछ नए खुलासे किए है. इन शोधकर्ताओं के मुताबिक, बच्चों पर किये गए अध्यन में ये पता चला है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर बड़ो के विपरीत बच्चो में डायरिया, उल्टी और पेट में मरोड़ जैसे लक्षण ज्यादातर दिखाई देते हैं.
कोरोना वायरस पर शोध का सिलसिला जारी है, इन्ही शोध के माध्यम से नई-नई जानकारी सामने आ रही है. संक्रमण के लक्षणों में अभी प्रमुख रूप से बुखार, खांसी, स्वाद और गंध का चला जाना या फिर सांस लेने में दिक्कत शामिल है. पर एक नए परीक्षण के दौरान करीब एक हजार बच्चों का ब्लड टेस्ट किया गया. शोधकर्ताओं का मकसद ये पता लगाना था कि ये बच्चे क्या हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए थे. इस दौरान उन्हें पता चला कि 992 बच्चों में वायरस के खिलाफ एंटी बॉडी थी. जिससे उन्होंने अंदाजा लगाया कि बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में कभी रहे होंगे.
इस दौरान सबसे आश्चर्यजनक बात ये रही कि पॉजिटिव पाए गए बच्चों में से कोई भी बच्चा गंभीर रूप से बीमार नहीं था नाहीं इन में से किसी को अस्पताल में दाखिल कराने की नौबत आई थी. पर इन बच्चों में से कुछ ही ऐसे थे जिनको बुखार आया था. बाकी बच्चो ने सामान्यतः पेट दर्द, पेट में मरोड़ और डायरिया जैसी समस्या की शिकायत कि थी. इन सभी बच्चो का जब टेस्ट किया गया तो इन के शारीर में कोरोना वायरस के एंटी बॉडी पाए गए थे.