1st Bihar Published by: Updated Sat, 24 Oct 2020 07:18:23 AM IST
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DESK :आज नवरात्रि का आठवां दिन है और आज मां महागौरी की उपासना की जाती है.नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा से असंभव भी संभव हो जाता है. भक्तों के पापों का नाश होता है.
मान्यता है कि माता के इस स्वरूप ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. उनका शरीर काला पड़ गया. प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें स्वीकार किया और उन पर गंगाजल डाला. इससे माता का शरीर कांतिवान और वर्ण गौर हो गया तब से उनका नाम गौरी हो गया.
मां महागौरी का वाहन वृषभ मतलब बैल है. उनकी एक भुजा अभयमुद्रा में है, तो दूसरी भुजा में त्रिशूल है. तीसरी भुजा में डमरू है तो चौथी भुजा में वरमुद्रा में है. इनके वस्त्र भी सफेद रंग के हैं और सभी आभूषण भी श्वेत हैं.महागौरी की आराधना से सोमचक्रजाग्रत होता है. इससे असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. समस्त पापों का नाश होता है. सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हर मनोकामना पूर्ण होती है.
मां महागौरी बीज मंत्र:
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
महागौरी मंत्र:
माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
ओम देवी महागौर्यै नमः।