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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Aug 2025 02:15:42 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में पुलिस ने एक और बड़ी सफलता प्राप्त की है। पश्चिम चंपारण के बैरिया थाना क्षेत्र में साइबर थाना की टीम ने 400 से अधिक सदस्यों वाले एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसका मास्टरमाइंड पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान में बैठे इमरान जैसे साइबर फ्रॉड्स वीडियो के जरिए ठगी की ट्रेनिंग देते थे और पैसे भेजते थे, जिन्हें CDM मशीनों के माध्यम से ट्रांसफर किया जाता था। इस गिरोह में बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के लगभग 200 युवा भी शामिल हैं। साइबर डीएसपी अभिनव परासर ने बताया कि पाकिस्तानी व्हाट्सऐप नंबरों से चैटिंग के साक्ष्य मिले हैं और एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर जांच तेज कर दी गई है। गिरफ्तार बदमाशों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और फरार मास्टरमाइंड प्रेम यादव की तलाश जारी है।
इस घटना की शुरुआत मोतिहारी के अगरवा मोहल्ला निवासी स्तुति कुमारी की शिकायत से हुई थी, जिन्होंने 23 अगस्त को बताया कि उनके संबंधी के नाम पर फेक फेसबुक आईडी बनाकर वीजा रिन्यूअल के नाम पर 1.20 लाख रुपये की मांग की गई है। ठगों ने 30 हजार रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कराए और शिकायत करने पर हत्या की धमकी दी। जांच में खाते का लोकेशन दिल्ली बता रहा था, जिसके बाद साइबर थाना ने पश्चिम चंपारण के तधवा नंदपुर पोखरी टोला में छापेमारी की। शनिवार की देर रात अखिलेश कुमार, रोहित कुमार, मनीष कुमार और आनंद कुमार को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 2 लैपटॉप, 12 मोबाइल, 26 सिम कार्ड, 62 एटीएम कार्ड, 6 पासबुक, 2 आधार कार्ड, 2 पैन कार्ड, 9 सिम रैपर, 1 ई-श्रम कार्ड और विभिन्न बैंकों की डिजिटल डिटेल्स बरामद हुईं। केंद्रीय खुफिया जांच एजेंसी के अधिकारी भी पूछताछ के लिए यहाँ पहुंचे।
पूछताछ में गिरफ्तार फ्रॉड्स ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड प्रेम यादव फरार है और वे पाकिस्तान में बैठे आकाओं से संपर्क में थे। अखिलेश पाकिस्तानी नंबर रोहित और आनंद को देता था जो चैटिंग के जरिए ट्रेनिंग लेते थे। पाकिस्तान से वीडियो कॉल पर ठगी के तरीके सिखाए जाते थे। जैसे फेक आईडी बनाना, वीजा स्कैम और धमकी देकर पैसे ऐंठना इत्यादि। आनंद को एटीएम से पैसे निकालने के लिए मोटी रकम दी जाती थी। इस गिरोह में 400 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें यूपी के 200 युवा शामिल हैं। बेतिया रेंज के डीआईजी हरकिशोर राय ने हाल ही में निरीक्षण किया था और पुलिस अब गिरोह के नेटवर्क को खंगाल रही है। साइबर थाना की टीम में साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी अभिनव परासर, इंस्पेक्टर मनीष कुमार, दारोगा सौरभ कुमार आजाद, शिवम कुमार सिंह, प्रियंका और कई सिपाही शामिल थे।
हाल ही में चंपारण में एक पिता-पुत्र की जोड़ी को भी क्रिप्टो फ्रॉड के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 81 करोड़ रुपये पाकिस्तान भेजे गए थे। कटिहार में भी पाकिस्तानी लिंक वाले दो फ्रॉड्स पकड़े गए थे जिन्होंने 5 करोड़ की ठगी की थी। बिहार में हो रहे साइबर अपराधों में पाकिस्तान का हाथ बढ़ रहा है और युवाओं को ऐसी नौकरियों या ट्रेनिंग से दूर रहने की सलाह पुलिस द्वारा दी गई है वरना उन्हें गंभीर अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं। बिहार सरकार ने ऐसे में अब साइबर थानों को और मजबूत करने का फैसला लिया है ताकि ऐसे गिरोहों को जड़ से कुचला जा सके। इस मामले में आगे की कार्रवाई से और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं जो आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क को उजागर करेगी।