Bihar News: राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू, वैश्विक नौकरी होगी अब और भी आसान

Bihar News: बिहार के 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में फ्रेंच और जर्मन भाषा की पढ़ाई हुई शुरू। मुख्यमंत्री सात निश्चय-1 योजना के तहत यह पहल छात्रों को वैश्विक नौकरी के लिए करेगी तैयार।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 14 May 2025 07:42:29 AM IST

Bihar News

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार सरकार ने युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। "मुख्यमंत्री सात निश्चय-1" योजना के तहत राज्य के 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में फ्रेंच और जर्मन भाषा की पढ़ाई शुरू की गई है। इस पहल का मकसद छात्रों को अंतरराष्ट्रीय नौकरी के अवसरों के लिए तैयार करना है।


विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम को 14 मई 2025 को लॉन्च किया। पहले चरण में बिहार के 15 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में फ्रेंच और जर्मन भाषा की पढ़ाई शुरू की गई है। उद्घाटन मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इस मौके पर विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा और अन्य अधिकारी मौजूद थे।


डॉ. प्रतिमा ने एक प्रस्तुति में बताया कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान छात्रों को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी पाने में मदद करेगा। उद्घाटन के दौरान छात्रों ने फ्रेंच और जर्मन में संवाद भी किया, जिससे उनकी रुचि और उत्साह साफ झलक रहा था। पटना के न्यू गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक की छात्रा प्रिया कुमारी ने फ्रेंच में अपनी बात रखते हुए कहा, "यह कोर्स हमें वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास देगा।" 


इस बारे में बात करते हुए मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा, "विदेशी भाषा का ज्ञान छात्रों को नई ऊंचाइयां देगा। यह उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।" उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में जापानी भाषा को भी कोर्स में शामिल किया जाए और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किए जाएं। इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे बिहार के सभी 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में लागू करने की योजना है।


हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ भाषा सीखने से नौकरी की गारंटी नहीं मिलती। बिहार इंजीनियरिंग कॉलेजों में पहले से ही इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी, और प्लेसमेंट की कमी जैसी समस्याएं हैं। हालांकि छात्रों और शिक्षकों ने इस पहल का स्वागत किया है। गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार ने कहा, "यह कोर्स हमारे छात्रों को ग्लोबल मार्केट में एक नई पहचान देगा।" वहीं, भागलपुर के एक छात्र सौरभ सिंह ने बताया, "मैं जर्मन सीख रहा हूं, क्योंकि जर्मनी में इंजीनियरिंग के लिए बहुत स्कोप है।"