1st Bihar Published by: Vikramjeet Updated Sat, 27 Dec 2025 09:27:03 AM IST
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Bihar police : वैशाली जिले के वैशाली थाना परिसर से इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो ने लोगों का ध्यान खींच लिया है। इन वीडियो में एक महिला डिजिटल क्रिएटर थाना परिसर के अंदर अलग-अलग अंदाज में रील बनाती नजर आ रही है। वायरल वीडियो के मुताबिक, महिला अपने कैमरे के सामने पुलिस कर्मचारियों के साथ बातचीत और मस्ती करती दिख रही है, जिसे लेकर अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या सार्वजनिक स्थल और पुलिस थाने को इस तरह के मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करना उचित है।
पहले वायरल वीडियो में महिला को देखा जा सकता है कि वह थाना परिसर में खड़ी होकर स्कॉर्पियो सवार व्यक्ति से कहती है, “आप मुझे धक्का मारेंगे तो धक्का मार कर जाइए।” इस बातचीत का अंदाज हल्का-फुल्का और मजाकिया लग रहा है, लेकिन वीडियो के सोशल मीडिया पर आने के बाद इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोग इसे मनोरंजन का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे थाने की गरिमा और सुरक्षा के दृष्टिकोण से अनुचित बता रहे हैं।
दूसरे वीडियो में महिला को थाने के अंदर शूटिंग करते देखा गया है। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी कुर्सियों पर बैठे हैं और महिला उनसे कैमरे के सामने ‘हाय-हेलो’ करवाती नजर आ रही है। वीडियो में यह दृश्य थाने के भीतर की सामान्य गतिविधियों के साथ मिश्रित दिख रहा है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिसकर्मी इस तरह की शूटिंग में शामिल होकर अपने पद की गरिमा बनाए रख पा रहे हैं।
तीसरे वायरल वीडियो में महिला किसी अन्य व्यक्ति से बातचीत करती दिख रही है और उसके पीछे पुलिस बल खड़ा है। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। वीडियो की वायरलिटी के कारण थाने के भीतर की सुरक्षा और अनुशासन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
इस मामले में बात करते हुए स्थानीय लोग कह रहे हैं कि पुलिस का पब्लिक-फ्रेंडली रवैया सराहनीय है। बिहार के डीजीपी विनय कुमार हमेशा से पुलिसकर्मियों से जनता के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार अपनाने का आग्रह करते रहे हैं। उन्होंने बार-बार यह कहा है कि पुलिस और जनता के बीच सकारात्मक संबंध बनाना जरूरी है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या पब्लिक-फ्रेंडली होने के नाम पर थाने को रील शूटिंग का मंच बना देना ठीक है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद लोगों ने पुलिस प्रशासन पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोग इसे डिजिटल क्रिएटिविटी का हिस्सा मान रहे हैं और पुलिसकर्मियों की मैत्रीपूर्ण छवि को बढ़ाने वाला बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इसे अनुशासनहीनता और थाने की गरिमा के खिलाफ मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि थाने का परिसर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए होता है, न कि मनोरंजन या वीडियो शूटिंग के लिए।
अब यह देखना बाकी है कि वरीय पुलिस अधिकारी इस मामले पर क्या संज्ञान लेते हैं और थाने के भीतर ऐसी गतिविधियों को लेकर क्या दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने जनता के बीच एक बहस शुरू कर दी है कि क्या पुलिस का मैत्रीपूर्ण व्यवहार और डिजिटल क्रिएटिविटी के लिए अवसर देना सही दिशा है या नहीं।