PBKSvsRCB: पंजाब किंग्स पर जीत के साथ विराट कोहली ने तोड़ डाला धोनी का यह बड़ा रिकॉर्ड, अब रोहित शर्मा की बारी Bihar News: चुनावी साल में केंद्र सरकार ने खोला खजाना, बिहार के लिए बनाया विकास का यह मेगा प्लान; जानिए.. Bihar News: एक गलती और कई दुकानें राख में तब्दील, लाखों की संपत्ति स्वाहा, कहीं आप भी तो नहीं करते यह भूल? मुंगेर में 5 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार बनाते 3 कारीगर गिरफ्तार Bihar Crime: शराब तस्करों का पीछा करने के दौरान पुलिस की गाड़ी पलटी, 2 पुलिसकर्मी घायल, तस्कर गिरफ्तार Bihar News: NH पर बालू लदे ट्रक में लगी भीषण आग, खबर मिलते ही मालिक को आया हार्ट अटैक Cricket News: “IPL में ये लोग छुट्टियाँ मनाने आते हैं”, कामचोर खिलाड़ियों पर बरसे सहवाग, बयान के बाद समर्थन में आए फैंस PBKSvsRCB: अंतिम चार ओवर में मात्र एक बाउंड्री, भुवी-हेजलवुड की जोड़ी के सामने नतमस्तक हुए पंजाब के बल्लेबाज बिहार में 2800 आयुष चिकित्सकों की होगी शीघ्र बहाली, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया ऐलान Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां हुईं तेज, EC जल्द शुरू करेगा BLA-2 के लिए विशेष प्रशिक्षण
KISHANGANJ: किशनगंज रविवार को किशनगंज के लहरा चौक मैदान में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ विशाल जनसभा हुई। इसका आयोजन वक्फ प्रोटेक्शन मूवमेंट के नेतृत्व में किया गया। सभा में क्षेत्र के सभी प्रमुख मिल्ली संगठनों और विपक्षी राजनीतिक दलों ने भाग लिया। हजारों की संख्या में आम लोग भी पहुंचे। सभी ने वक्फ कानून में संशोधन का विरोध किया।
वक्ताओं ने कहा कि वक्फ संपत्तियां इस्लामी शरीयत का हिस्सा हैं। इनमें सरकारी दखल संविधान और धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों की आस्था पर सीधा हमला है। वही राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि जब बंटवारा हुआ तब इस देश के मुसलमानों ने इस मिट्टी को नहीं छोड़ा।
सभा में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीअत उलेमा-ए-हिंद किशनगंज, जिला जमीयत अहले हदीस किशनगंज, इमारत शरीया बिहार, ओडिशा और झारखंड, मजलिस-ए-अहरार-ए-इस्लाम बिहार, मजलिस-ए-उलमा-ए-मिल्लत किशनगंज, इदारा शरीया किशनगंज, जमीयत अहले सुन्नत वल जमात, शिया जमात किशनगंज, अमन इंसानियत फाउंडेशन और ऑल इंडिया तंजीमुल उलमा किशनगंज के नेता और उलेमा शामिल हुए।
विरोध में कई विपक्षी दलों के नेता भी पहुंचे। सभी ने कानून को वापस लेने की मांग की। सभा में चार प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। इनमें वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को तुरंत वापस लेने, वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता बनाए रखने, मुस्लिम पर्सनल लॉ में सरकारी हस्तक्षेप से बचने और मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक व धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा की मांग की गई।
मंच से संबोधित करते हुए मुस्लिम नेता ने कहा कि वक्फ की संपत्ति पर कानून बनाने का अधिकार इस सरकार को नहीं है। यह अधिकार संविधान कतई नहीं देता है। आज संविधान पर हमला हो रहा है। हम सबकों अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा। वही राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि 78 सालों बाद बंटवारा जब हुआ इस देश के मुसलमानों ने इस मिट्टी को नहीं छोड़ा। इस कानून को बनाकर ये लोग अपने दोस्त को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। यतीम खाने की जमीन पर बने घर को अपने दोस्त को कानून से बचाना चाहते हैं।
इस वक्फ बिल के खिलाफ भारी संख्या में लोग इस जनसभा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। मुस्लिम नेता ने मंच पर कहा कि ये अनपढ़ प्रधानमंत्री और तड़ीपार अमित शाह यदि काला कानून लायेंगे तो हम नहीं मानेंगे। क्योंकि इस देश का नागरिक नहीं, किरायेदार नहीं हम हकदार है। शायद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतिहास मालूम नहीं है। 65 हजार मुसलमानों ने जान गंवाकर इस देश को आजाद किया।
वक्फ प्रोटेक्शन मूवमेंट के पदाधिकारियों ने कहा कि यह आंदोलन की शुरुआत है। सरकार ने कानून वापस नहीं लिया तो देशभर में आंदोलन होगा। उन्होंने मुसलमानों से एकजुट होने की अपील की। इस मौके पर राज्यसभा सांसद मनोज झा, इजहारुल हुसैन, इंद्रदेव पासवान, अंजार नईमी, इजहार अस्फी, मास्टर मुजाहिद आलम, नासिर नदीगर, इम्तियाज , गुलाम हसनैन, अख्तरुल ईमान, फैयाज आलम, इशहाक आलम, शम्सुहजमा, प्रदीप रविदास, नसीम, दारा और तौसीफ आलम मौजूद रहे।