Bihar News: बिहार के इस जिले में रोजगार मेला का आयोजन, सैलरी ₹21 हजार तक Bihar politics: बिहार में नहीं चलेगा पुराना फॉर्मूला, अब ऐसे होगा मंत्रिपदों का बंटवारा; जानिए Bihar News: बिहार के इस जिले में राज्य के 8वें सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण, दिसंबर से काम शुरू जानिए चुनाव रिजल्ट के बाद क्यों CM को देना पड़ता है इस्तीफा, क्या हैं नए सरकार के गठन को लेकर नियम और कानून Bihar politics: नीतीश कुमार आज देंगे राज्यपाल को इस्तीफा, कैबिनेट बैठक में सरकार भंग; इस दिन होगा मुख्यमंत्री का शपथग्रहण CM Oath Ceremony: गांधी मैदान में होगा NDA सरकार का भव्य शपथग्रहण, तैयारियां तेज; इन बड़े नेताओं की रहेगी मौजूदगी बीवी के साथ मिलकर प्रेमी ने 21 साल की विधवा को जिंदा जलाया, जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रही पीड़िता सारण में 29 महिला सिपाहियों पर कार्रवाई: इलेक्शन ड्यूटी में लापरवाही पर SSP ने रोका वेतन, 3 दिन के भीतर मांगा जवाब जमुई में 50 हजार का इनामी अपराधी रामधारी तुरी अरेस्ट, पुलिस वैन की चपेट में आकर 3 ग्रामीण घायल दिल्ली में बीजेपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिले जीतन राम मांझी, नई सरकार के गठन पर हुई चर्चा
1st Bihar Published by: RANJAN Updated Thu, 18 Sep 2025 03:20:00 PM IST
हम नहीं सुधरेंगे! - फ़ोटो REPORTER
KAIMUR: बिहार में आए दिन घूसखोर विजिलेंस के हत्थे चढ़ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद घूसखोर अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि इन्होंने घूस लेने की कसम खा ली है। रिश्वत के पैसे के आगे ये लोग जरा भी नहीं सोचते हैं कि उनके पकड़े जाने पर समाज में कितनी बदनामी होती है। बीवी-बच्चे और पूरा परिवार किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं बचते। पढ़े लिखे होने के बावजूद लोग घूसखोरी जैसे कृत को करते हैं और एक ना एक दिन पीड़ित की शिकायत पर निगरानी विभाग की टीम के हत्थे चढ़ जाते हैं। इस बार कैमूर के पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल को विजिलेंस ने 60 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।
कैमूर जिले से बड़ी खबर सामने आई है। मोहनिया थाना क्षेत्र स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज लहुराबारी के प्रिंसिपल डॉ. अजय कुमार को निगरानी विभाग ने 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।गुरुवार को हुई इस कार्रवाई में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना की 10 सदस्यीय टीम शामिल रही, जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक विप्लव कुमार कर रहे थे। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने मार्च से अगस्त महीने तक के वेतन भुगतान के लिए अपने ही कॉलेज में कार्यरत सहायक कंप्यूटर शिक्षक गौरव कुमार वर्मा से 1 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, गौरव कुमार वर्मा की मासिक सैलरी 45 हजार रुपए है, जो कटौती के बाद 40 हजार मिलती है। मार्च से अगस्त तक का वेतन लगभग दो लाख रुपए बनता है। जब वेतन भुगतान की मांग की गई तो प्रिंसिपल ने एक लाख रुपए रिश्वत मांगा। लंबे प्रयासों के बाद मामला 60 हजार रुपए पर तय हुआ। पीड़ित शिक्षक ने एक सितंबर को निगरानी विभाग में इसकी लिखित शिकायत की थी। सत्यापन के बाद निगरानी विभाग ने जाल बिछाया और गुरुवार को प्रिंसिपल डॉ. अजय कुमार को उनके ही कार्यालय कक्ष से 60 हजार रुपए लेते दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद उनके कार्यालय और मोबाइल की तलाशी ली जा रही है।
शिकायतकर्ता गौरव कुमार वर्मा ने बताया कि करीब एक महीने से वेतन भुगतान के नाम पर प्रधानाचार्य रुपए की मांग कर रहे थे। मजबूर होकर उन्होंने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की थी। वहीं निगरानी विभाग के डीएसपी विप्लव कुमार ने कहा कि शिकायत की पुष्टि के बाद कार्रवाई की गई और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा गया है। फिलहाल निगरानी विभाग की कार्रवाई जारी है और आरोपी प्रिंसिपल को आगे की कानूनी प्रक्रिया के तहत न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।

