RSS: ‘सोने की चिड़िया’ नहीं, भारत को अब ‘शेर’ बनना है, दुनिया को सिर्फ शक्ति की भाषा समझ आती है: मोहन भागवत Bihar News: हमेशा के लिए बदल जाएगी बिहार के इस जिले की तस्वीर, 106 योजनाओं पर खर्च होंगे ₹59 करोड़ Bihar News: 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार होंगे कम मतदाता, पिछली बार 2005 में हुआ था ऐसा INDvsENG: टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 148 साल से नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 28 Feb 2025 08:23:37 AM IST
thermal power plant - फ़ोटो thermal power plant
बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपये की लागत से 2400 मेगावाट (800×3) क्षमता का ग्रीन फील्ड थर्मल पावर प्लांट लगाया जाएगा। यह बिहार में किसी भी निजी क्षेत्र द्वारा किया जाने वाला सबसे बड़ा निवेश होगा। इस पावर प्लांट के निर्माण से राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी और बिहार की दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम होगी। इस मेगा प्रोजेक्ट से न सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी, बल्कि इसका सीधा फायदा बिहार के उद्योगों को भी होगा। बिजली की दरें कम होने से औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा और निवेशकों को आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी। बिहार सरकार इस प्रोजेक्ट को राज्य की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम मान रही है।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने इस ऐतिहासिक फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। प्रोजेक्ट के लिए कोयला पहले ही आवंटित किया जा चुका है। साथ ही केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने टैरिफ नीति 2016 के तहत इस परियोजना की निविदा प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल के अनुसार, इस परियोजना के लिए बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। परियोजना के लिए 1020.60 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। पहले यहां सौर ऊर्जा परियोजना प्रस्तावित थी, लेकिन तकनीकी सर्वेक्षण के बाद कोयला स्रोत से निकटता और भूमि की स्थिति को देखते हुए थर्मल पावर प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया।
इस पावर प्लांट के निर्माण से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। निर्माण कार्य के दौरान बड़ी संख्या में इंजीनियरों, मजदूरों और अन्य तकनीकी कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके अलावा पावर प्लांट के संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ऊर्जा नीति का महत्वपूर्ण परिणाम माना जा रहा है। इस योजना पर काम शुरू होते ही बिहार निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक हो जाएगा। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार में व्यवसाय के अनुकूल माहौल बना है और यह परियोजना राज्य के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
फिलहाल बिहार अपनी बिजली जरूरतों के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है और राज्य को बाहर से बिजली खरीदनी पड़ती है। इस परियोजना के पूरा होने से बिहार की बिजली खरीदने की निर्भरता कम होगी और बिजली उत्पादन की लागत भी घटेगी। इससे न सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि उद्योगों को भी सस्ती बिजली मिलेगी, जिससे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इस पावर प्लांट के बाद राज्य में ऊर्जा आधारित अन्य परियोजनाओं के आने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में बिहार को ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और राज्य के नागरिकों को सस्ती और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है।