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तीसरे दिन भी नहीं मिली ब्लैक फंगस की दवा, इंजेक्शन की जगह अब टैबलेट देने की तैयारी

तीसरे दिन भी नहीं मिली ब्लैक फंगस की दवा, इंजेक्शन की जगह अब टैबलेट देने की तैयारी

08-Jun-2021 08:07 AM

PATNA : बिहार में एक तरफ ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों की संख्या से हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ तीसरे दिन भी अस्पताल में भर्ती मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं हो सकी है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पतालों को लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी दवा नहीं मिली है. इंजेक्शन की कमी के बाद अब पोसाकोनाजोल टेबलेट देने की तैयारी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एम्फोटेरिसिन के साथ पोसाकोनाजोल टेबलेट की खरीद भी कर रहा है. हालांकि डॉक्टर पोसाकोनाजोल को एम्फोटेरिसिन जैसा प्रभावी नहीं बता रहे हैं.


फिलहाल एम्फोटेरिसिन की कमी की वजह से मरीजों को राहत देने के लिए पोसाकोनाजोल का टेबलेट किया जाएगा. राज्य की सहायक औषधि नियंत्रक ने बताया कि सोमवार की शाम तक एम्फोटेरिसिन की आपूर्ति औषधि विभाग को नहीं हुई थी. उन्होंने बताया कि सरकार अब एम्फोटेरिसिन बी के साथ हो पोसाकोनाजोल टेबलेट की भी खरीद कर रही है. मरीजों को उस दवा का डोज भी दिया जा सकेगा. एक और सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास ने बताया कि एम्फोटेरिसिन की दवा अब अन्य देशों से आती है. अन्य देश में मांग कम होने के कारण यहां की दवा कंपनियां सीमित मात्रा में दवा बनाती है. यही कारण है कि अचानक मांग बढ़ने पर पूरे देश में ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा है.


आपको बता दें कि पटना में ब्लैक फंगस के 14 नए मरीज सोमवार को भर्ती हुए. जबकि एक मरीज की मौत हो गई. मृतक पूर्वी चंपारण का निवासी था. उसका इलाज पीएमसीएच में चल रहा था. पीएमसीएच के ब्लैक फंगस वार्ड में यह पहली मौत है. सोमवार को एम्स में 7 नए मरीज भर्ती हुए जबकि 10 को डिस्चार्ज किया गया. पांच और लोग मंगलवार की सुबह में डिस्चार्ज होंगे.


एम्स में ब्लैक फंगस के भर्ती कुल मरीजों की संख्या 116 हो गई है. आईजीआईएमएस में सोमवार को एक नया मरीज भर्ती हुआ था. इसके साथ ही भर्ती मरीज 106 हो गए हैं. पीएमसीएच में 7 नए मरीज भर्ती हुए, एक की मौत हो गई. जबकि 4 लोग डिस्चार्ज किए गए. अब मरीज 29 हो गए हैं. सोमवार को आईजीआईएमएस और पीएमसीएच में भर्ती मरीजों को एम्फोटेरिसिन की बजाय पोसाकोनाजोल की आपूर्ति की गई. 


स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में प्रति मरीज औसतन 5 डोज इंजेक्शन की जरूरत प्रतिदिन की है. राज्य ने केंद्र से 400 मरीजों के लिए 2 हजार एम्फोटेरिसिन बी की मांग की है. जबकि केंद्र से आपूर्ति मात्र 500 वायल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की ही हो रही है. भारत सरकार से ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की आपूर्ति की जाती है. 


स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य को सोमवार को 1700 वायल एम्फोटेरिसिन बी दवा की आपूर्ति की गई. राज्य में अब तक करीब 15 हजार एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की आपूर्ति की जा चुकी है. सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन औसतन 13 सौ एम्फोटेरिसिन बी दवा की आवश्यकता राज्य में है. अस्पतालों में दवा उपलब्ध नहीं होने की वजह से मरीज के परिजन बाजार से खरीदने के लिए मजबूर हैं. एक इंजेक्शन की कीमत करीब 5 हजार रुपये है. लेकिन दवा मंडी में इसे दूसरे राज्यों से लेकर ऊंची कीमत में बेचा जा रहा है. हालांकि बाजार में खुले रूप से दवा अनुपलब्ध बताई जाती है.