Bihar News: बिहार के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना, सरकार ने कर दिया टारगेट सेट; बनेंगी नई फोरलेन सड़कें Bihar News: बिहार के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना, सरकार ने कर दिया टारगेट सेट; बनेंगी नई फोरलेन सड़कें Bihar News: बिहार में सिंदूरदान से पहले दुल्हन ने शादी से कर दिया इनकार, बिना ब्याह के लौट गई बारात; जानिए.. पूरी वजह Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद, चेन स्नैचिंग के दौरान महिला को किया घायल; भागने के दौरान की फायरिंग 5th Generation Fighter Jet: 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट का काम तेज, दूर हुई सबसे बड़ी बाधा Kanwar Yatra: AI टेक्नोलॉजी से लैस होगी कांवड़ यात्रा, हर श्रद्धालु पर रहेगी नजर Bihar Crime News: जमीनी विवाद में गोलीबारी और बमबारी, एक गंभीर रूप से घायल; छापेमारी जारी Andhra Pradesh population policy: जनसंख्या बढ़ाओ, पैसा पाओ! इस राज्य में परिवार बढ़ाने पर सरकार देगी आर्थिक मदद Bihar Crime News: पटना सिटी में दो गुटों के बीच मारपीट और चाकूबाजी, 3 घायल; 5 गिरफ्तार Corona In Bihar: पटना में कोरोना के मामले बढ़े, 8 नए संक्रमित; कुल संख्या 50 पार
22-Feb-2023 05:40 AM
By First Bihar
PATNA: बिहार में शराबबंदी पर एक बार फिर सरकारी रिपोर्ट जारी हुई है. सरकार की रिपोर्ट कह रही है कि नीतीश कुमार ने जब से शराबबंदी लागू की उसके बाद बिहार के लगभग दो करोड़ लोगों ने पीना छोड़ दिया है. शराबबंदी कानून को लेकर भले विपक्षी पार्टियों से लेकर आम लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं, लेकिन बिहार सराकर की रिपोर्ट कह रही है कि राज्य की 99 प्रतिशत महिलायें और 92 प्रतिशत पुरूष शराबबंदी के पक्ष में है.
शराबबंदी पर सरकार का तीसरा सर्वे
दरअसल बिहार में जब जब शराबबंदी को लेकर गंभीर सवाल उठे, तब-तब नीतीश कुमार ने अपनी किसी एजेंसी को सर्वे करने का काम सौंप दिया. एजेंसी को ये ठेका दिया गया कि वह पता लगाये कि शराबबंदी से लोग कितने खुश हैं. हर रिपोर्ट सरकार को खुश करने वाली ही आयी. इस दफे सरकार ने अपने पंचायती राज विभाग, जीविका और चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी को सर्वे और रिपोर्ट बनाने का काम सौंपा था. इससे पहले 2017 में आद्री और जगजीवन राम शोध संस्थान ने सर्वे किया था. वहीं, 2022 में चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी ने एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के सहयोग से सर्वे किया था. राज्य सरकार ने अब तीसरी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पुराने सर्वे जैसे ही नतीजे आये हैं.
लगभग दो करोड़ लोगों ने पीना छोड़ दिया
मंगलवार को मद्य निषेध विभाग के आयुक्त बी. कार्तिकेय धनजी, चाणक्य विधि विश्वविद्यालय के डीन एसपी सिंह और जीविका समूह के कार्यपालक निदेशक राहुल कुमार ने संयुक्त रूप से सर्वे रिपोर्ट जारी किया. ये सर्वे रिपोर्ट कह रही है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद यानि 2016 के बाद अब तक 1 करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया. सरकार की रिपोर्ट कह रही है कि 2016 से पहले जितने लोग शराब पीते थे उनमें से करीब 96 प्रतिशत लोगों ने पीना छोड़ दिया है.
बिहार सरकार की संस्था जीविका के कार्यपालक निदेशक राहुल कुमार ने दावा किया कि इस बार का सर्वे बिहार के सभी 38 जिलों और 534 प्रखंडों के अधिकांश गांवों में किया गया. सरकारी सर्वे के काम में जीविका समूह के 1.15 लाख लोगों को लगाया गया था. सर्वे से पहले 10 हजार महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था. उन्हें मद्य निषेध उत्पाद विभाग द्वारा तैयार प्रश्नों का सेट दिया गया था. जीविका की महिलाओं ने 10 लाख से ज्यादा लोगों से सवाल पूछे थे. उन सभी जवाब को सर्वे के लिए बनाए गए एप पर डाला गया था.
फिर सर्वे रिपोर्ट को चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी भेजा गया. लॉ यूनिवर्सिटी ने उन सब की जांच पडताल की और जवाबों के विश्लेषण में पाया गया कि 2016 के पहले शराब पीने वाले करीब 1.82 करोड़ लोगों ने शराब का सेवन छोड़ दिया है. शराबबंदी के बाद बिहार में क्रांतिकारी परिवर्तन आये हैं. महिलाओं के खिलाफ हिंसा से लेकर अपराध, सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आयी है. बिहार में चारो ओर खुशहाली आयी है.