RSS: ‘सोने की चिड़िया’ नहीं, भारत को अब ‘शेर’ बनना है, दुनिया को सिर्फ शक्ति की भाषा समझ आती है: मोहन भागवत Bihar News: हमेशा के लिए बदल जाएगी बिहार के इस जिले की तस्वीर, 106 योजनाओं पर खर्च होंगे ₹59 करोड़ Bihar News: 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार होंगे कम मतदाता, पिछली बार 2005 में हुआ था ऐसा INDvsENG: टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 148 साल से नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त
12-Jun-2020 01:54 PM
DESK : ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा बैंक और आरबीआई की ज़िम्मेदारी है. यही वजह है कि आरबीआई ने बीते कुछ सालों में देश के कई बैंकों पर सख्ती से कार्यवाई करते हुए देश के कई छोटे बड़े बैंकों पर जुर्माना लगाया तो किसी पर पाबंदियां लगाई.
इन पाबंदियों की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत ग्राहकों को ही हुआ. इसी कड़ी में आरबीआई ने अब कानपुर स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक पर भी बड़ी कार्रवाई की है. इस बैंक पर आरबीआई ने 6 महीने के लिए कई तरह की पाबंदी लगा दी है. इस बैंक पर आरबीआई ने छह महीने के लिए ग्राहकों को नए लोन देने और डिपॉजिट स्वीकार करने से रोक लगा दिया है. साथ ही ग्राहकों को बैंक में उनकी जमा रकम की निकासी करने की भी सुविधा को भी फिलहाल रोक दी है.
इस मामले पर आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘10 जून, 2020 को व्यवसाय बंद होने के बाद, बैंक रिजर्व बैंक की लिखित अनुमति के बिना कोई नया लोन देने या पुराने बकाये को जारी नहीं कर सकेगा. इसके अलावा बैंक कोई नया निवेश नहीं कर सकेगा और न ही नया जमा स्वीकार कर सकेगा. ’’ इसके साथ ही बैंक को किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटान करने से भी रोक दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा, "सभी बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी भी अन्य खाते में कुल शेष राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है."
दरअसल, आरबीआई ने ये बड़ा फैसला पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया है. आरबीआई के अनुसार ये पाबंदी 10 जून को कारोबार बंद होने के छह महीने बाद तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन होंगे.
हालांकि रिजर्व बैंक ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्देश को सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा.