Bihar News: रेलवे ट्रैक पर जा फंसा बेलगाम ट्रक, तीन घंटे तक कई महत्वपूर्ण ट्रेनें बाधित IAS Ananya Singh: कौन हैं महिला IAS अफसर 'अनन्या सिंह' जो बंगाल से बिहार आई हैं ? पहले प्रयास में ही UPSC में मिली थी सफलता Bihar minor girl trafficking: बिहार की गरीब लड़कियाँ बन रही हैं मानव तस्करी का शिकार... हरियाणा और राजस्थान में बेच रहे हैं दलाल! Bihar Transfer-Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के 10 अफसरों का ट्रांसफर, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: जमीन कब्जे को लेकर हथियारों से लैस दबंगों का उत्पात, कई महिलाएं गंभीर रूप से घायल Bihar Transfer-Posting : बिहार के एक SDO ने नौकरी क्यों छोड़ दी..? नीतीश सरकार ने दी स्वैच्छिक सेवानिवृति Bihar Ias Transfer: नीतीश सरकार ने दो आईएएस अफसरों का किया ट्रांसफर, पश्चिम बंगाल कैडर की इस महिला IAS को दी यह जिम्मेदारी... Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर को बड़ा झटका, जन सुराज के बड़े नेता ने पार्टी से दिया इस्तीफा Rashtriya Janata Dal: बिहार चुनाव से पहले RJD की बड़ी रणनीति, P.hd प्रवक्ताओं की उतार दी फौज! Bihar News: हादसे की शिकार हुई बारात जा रही बस, दो दर्जन से अधिक बाराती घायल; दो की हालत नाजुक
01-Jul-2023 05:29 PM
DESK: पुणे रेलवे स्टेशन का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक पुलिस कर्मी प्लेटफार्म पर सोये यात्रियों को बोतल में भरे पानी से छिड़ककर जगा रहा है। उन्हें प्लेटफार्म पर सोने से मना करते दिख रहा है। पुणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों को अचानक नींद आ गयी। कुछ लोग प्लेटफार्म की फर्श पर ही सो गये लेकिन उन्हें सोता देख एक पुलिस कर्मी को रास नहीं आया।
पानी भरे बोतल से पुलिस कर्मी सो रहे यात्रियों के चेहरे पर पानी छिड़कने लगा। पानी की बूंदे चेहरे पर पड़ते ही यात्री नींद से जाग गये। जिसके बाद पुलिस कर्मी ने वहां से हटने की बात कही। पुलिस कर्मी की बात मानते हुए यात्री वहां से हट गये। अब इस पुलिस कर्मी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अब लोग कई सवाल कर रहे हैं। इसे लेकर लोग अपनी-अपनी राय भी दे रहे हैं।
आलोक चिक्कू नामक व्यक्ति ने तो अपने ट्विटर अकाउंट पर यह लिखा है कि यह वीडियो पुणे रेलवे स्टेशन का है। क्या इसलिए आम गरीब, लाचार जनता को अपमानित करने के लिए रेलवे को प्राइवेटाईजेशन किया जा रहा है। साहब ! अमीर तो 5 स्टार होटल में आराम फरमा लेते हैं। लेकिन दिहाड़ी मजदूर जब 2 महीना बाहर जाकर किसी तरह कमाता है और 5 हजार बचाकर घर ले जाता है। वह सोचता भी नहीं है कि एक रुपया कहीं ज्यादा खर्च हो।
आलोक चिक्कू आगे लिखते हैं कि लालू जी के समय में रेलवे सफर करने का गरीबों के लिए सबसे सस्ता साधन था लेकिन अब प्लेटफार्म पर घुसने तक के चार्ज लगा दिए हैं। ACऔर Non-AC में तो जूता वाले कब्जे जमाए रहते हैं। जरा सा जगह नहीं रहता है। चप्पल वालों के लिए प्लेटफार्म ही बचता है। कृपा कर ऐसे परेशान न करें। भारत उनका भी देश है। महोदय ऐसे अमानवीय लोगों पर सख्त कार्रवाई करें। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि क्या गरीबी और बेरोजगारी से भरे देश में यात्रियों के साथ इस तरह का व्यवहार अपराध नहीं?