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24-Feb-2023 01:22 PM
By First Bihar
PATNA : दूसरों को न्याय देने वाले पटना हाईकोर्ट ने 7 न्यायाधीश खुद ही मुश्किलों में फंस गए हैं। इनलोगों का GPF (जनरल प्रॉविडेंट फंड) खाता बंद हो गया है। जिसके बाद इन सातों जजों ने सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर गुहार लगाई है। अब आज इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुनवाई को लेकर अगली तारीख तय कर दी है।
इससे पहले जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो CJI भी हैरान रह गए। CJI ने पूछा- “क्या? जजों का GPF खाता बंद? याचिकाकर्ता कौन है?” इसके बाद CJI ने कहा था कि, इस मामले में 24 फरवरी को सुनवाई होगी।जिसके बाद अब इस मामले में सुनवाई को लेकर अगली तारीख तय कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख अगले शुक्रवार को तय किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली शुक्रवार को केंद्र और बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मालूम हो कि, यह देश के इतिहास में यह पहली घटना है जब भेदभाव किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट के सात मौजूदा जज न्याय की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हों। सुप्रीम कोर्ट से पटना हाईकोर्ट के सात जजों की याचिका पर सुनवाई का अनुरोध किया गया तो CJI भी चौंक पड़े। सभी जजों ने सुप्रीम कोर्ट में सामान्य भविष्य निधि खातों को बंद करने के लिए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश को चुनौती दी है।
आपको बताते चलें कि, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ से मामले में जल्द सुनवाई करने की तारीख मांगी गई थी। याचिका दायर करने वाले न्यायमूर्ति शैलेन्द्र सिंह, न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा,न्यायमूर्ति जितेन्द्र कुमार, न्यायमूर्ति आलोक कुमार पांडेय, न्यायमूर्ति सुनील दत्त मिश्रा, न्यायमूर्ति चन्द्रप्रकाश सिंह और न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर झा हैं। ये सभी न्यायिक सेवा कोटे से 22 जून को न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। जज बनने के बाद इन सभी के GPF अकाउंट को बंद कर दिया गया।