ब्रेकिंग न्यूज़

बारिश में भी चला RJD का जनसंपर्क अभियान, रामबाबू सिंह बोले..“बड़हरा में विकास और बदलाव दोनों तय हैं” देसी कट्टा के साथ कुख्यात अपराधी गिरफ्तार, बेटे ने हथियार लहराकर वायरल किया था वीडियो Bihar Education News: शिक्षा विभाग के इस DPO ने नहीं किया काम तो पहले हुए सस्पेंड...फिर मिला यह दंड, जानें.... Bihar Election 2025 : 'अब बदलाव का समय, बनाना होगा नया बिहार...', बोले मुकेश सहनी - कुर्सी की लालच में बिहार को भूल गए नीतीश कुमार Bihar Election 2025 : अमित शाह की नालंदा रैली से पहले यह इलाका बना ‘नो-फ्लाई जोन’, यह शहर बना ‘रेड जोन’ Bihar News: 12 साल पुरानी फाइलें बंद...अधिकारियों को मिली राहत, बिहार सरकार ने एक झटके में 17 अफसरों को दे दी क्लीनचिट BIHAR NEWS : पश्चिम चंपारण में दो अलग-अलग सड़क हादसों में दो की मौत, बगहा क्षेत्र में छाया मातम Bihar Police : PMCH से इलाज के दौरान कैदी फरार, बाथरूम की खिड़की तोड़कर दिया पुलिस को चकमा; मची अफरातफरी मुख्यमंत्री की वैकेंसी ! नीतीश कुमार को फिर से CM की कुर्सी मिलेगी ? दरभंगा में 'अमित शाह' ने कर दिया क्लियर...जानें Bihar News: बिहार में सेमीकंडक्टर क्लस्टर और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का होगा निर्माण, लाखों युवाओं को मिलेगा रोजगार

Mohan Bhagwat: ‘दो या तीन बच्चे पैदा करना बहुत जरूरी’ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या को लेकर जताई चिंता

Mohan Bhagwat: ‘दो या तीन बच्चे पैदा करना बहुत जरूरी’ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या को लेकर जताई चिंता

01-Dec-2024 03:16 PM

By First Bihar

DESK: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की जनसंख्या को लेकर चिंता जताई है और जनसंख्या नीति को लेकर एक अहम बयान दे दिया है। महाराष्ट्र के नागपुर में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह काफी जरूरी है कि जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 2.1 से नीचे न आ जाए। ऐसे में हमारे लिए काफी जरूरी है कि दो या तीन बच्चे पैदा किए जाएं।


मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या का औसत आंकड़ा 2.1 की ही रहा तो बिना किसी खतरे के पृथ्वी से मानवता खत्म हो जाएगी। अगर ऐसे ही आबादी दर कम बनी रही तो फिर कई भाषाएं और सभ्यताएं समाप्त होने के कगार पर पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि आबादी एक चिंता का विषय है। आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब जन्म दर 2.1 से नीचे जाती है तो फिर धरती से मानवता ही खत्म होने का खतरा पैदा हो जाता है।


आरएसएस चीफ ने कहा कि ऐस हालात में समाज खत्म हो जाता है जबकि उसके आगे कोई प्रत्यक्ष संकट नहीं होता। ऐसी स्थिति में कई भाषा और सभ्यता के खत्म होने का खतरा बना रहता है। देख की जनसंख्या नीति साल 1998 या 20002 में तय हुई थी। जनसंख्या की औसत दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। हमारे लिए जरूरी है कि दो या तीन बच्चे हों। आबादी की जरूरत है ताकि समाज का अस्तित्व बना रहे।


बता दें कि आरएसएस जनसंख्या असंतुलन को लेकर कई बार इस बात को दोहरा चुका है। खासतौर पर हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत कम होने को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं। वह कहते रहे हैं कि भारत में हिंदुओं का बहुसंख्यक होना जरूरी है। रिपोर्ट्स में भी यह दावा किया जा चुका है कि मुसलमानों की आबादी का प्रतिशत आजादी के बाद से अबतक बढ़ा है जबकि हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत कम हो रहा है।