जहानाबाद में “बिहार बदलने” की पुकार, आभा रानी के नेतृत्व में नुक्कड़ नाटक से उठी तेजस्वी सरकार की मांग बिहार में कानून व्यवस्था चरमराई, सुरेंद्र केवट हत्याकांड पर बोले मुकेश सहनी..सरकार का इकबाल खत्म BIHAR: बड़हरा के करजा बरजा में क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन, अजय सिंह ने विजेताओं को पुरस्कार से किया सम्मानित बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत 20 हजार लाभुकों को मिली पहली किस्त, 100 करोड़ से अधिक की राशि वितरित गोपालगंज में फूड प्वाइजनिंग से एक ही परिवार के 12 लोग बीमार, सदर अस्पताल में भर्ती सारण में शिक्षक संतोष राय हत्याकांड का खुलासा, मुख्य साजिशकर्ता और शूटर गिरफ्तार छातापुर में बढ़ते अपराध पर VIP नेता संजीव मिश्रा ने जताई गहरी चिंता, कहा..अपराधियों के हौसले बुलंद, प्रशासन मौन BIHAR: छपरा में दिनदहाड़े मोबाइल दुकान में लूट, दुकानदार ने लुटेरे को कट्टा समेत दबोचा Patna News: पटना के होमगार्ड जवान की करतूत, थाना में खाना बनाने वाली महिला को लेकर हुआ फरार, पति ने पुलिस से लगाई गुहार Patna News: पटना के होमगार्ड जवान की करतूत, थाना में खाना बनाने वाली महिला को लेकर हुआ फरार, पति ने पुलिस से लगाई गुहार
11-Feb-2024 09:26 AM
By First Bihar
PATNA : आनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने अपने शिक्षकों और विद्यालय, कॉलेजों, डायट भवनों के इस्तेमाल को लेकर सभी जिलों को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने चुनाव कार्य में सिर्फ शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने पर आपत्ती जाहिर की है। उन्होंने सभी डीएम को कहा है कि चुनाव से जुड़े कार्य में सिर्फ शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की जगह दूसरे विभागों के कर्मियों को भी यह जिम्मेदारी सौंपे। इसी तरह शिक्षण संस्थानों से जुड़े भवनों में ही चुनाव सामग्री रखने और पुलिस बल की मौजूदगी कोलेकर भी केके पाठक ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
के के पाठक ने राज्य के सभी डीएम को लेटर लिख कर कहा है कि- सूबे के सभी डीएम को लिखे पत्र में केके पाठक ने लिखा है कि शिक्षा विभाग के कर्मचारी की चुनाव कार्य में ड्यूटी परम्परागत तौर पर हमारे सभी शिक्षक पोलिंग पार्टी इत्यादि के अंग बनाए जाते हैं। इसके अलावा हाल ही में यह देखा गया है कि शिक्षा विभाग के अन्य प्रखंड स्तरीय कर्मी (जो कि संविदा के माध्यम से रखे गए हैं) को भी चुनावी ड्यूटी में लगाया जा रहा है।
उन्हें Sector Magistrate अथवा इसी प्रकार के अन्य कार्यों पर लगा दिया जाता है। इस व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता है। आपसे अनुरोध है कि पहले अन्य विभाग के सभी कर्मियों को चुनाव उपरोक्त के आलोक में मेरा आपसे अनुरोध है कि पहले आप अन्य विभागों के भवन की उपलब्धता को टटोलें। साथ ही, अन्य विभाग के सारे कर्मचारियों की उपलब्धता को टटोलें और आवश्यकतानुसार उन्हें ड्यूटी में लगाने के बाद, जो Shortfall हो तो उसे शिक्षा विभाग से पूरा करें।
उन्होंने लिखा है कि पिछले सभी चुनावों में परंपरागत तरीके से जिला प्रशासन सबसे पहले शिक्षा विभाग के सारे भवन और सारे कर्मचारी (शिक्षक सहित) लेता है और उसके बाद कमी होने पर अन्य विभागों की ओर देखा जाता है। इस परम्परा पर रोक लगनी चाहिए। इसी तरह केके पाठक ने अपने स्कूल, कॉलेज, डायट सेंटरों के भवनों के प्रयोग को लेकर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने लिखा है कि शिक्षा विभाग के भवन / विद्यालयों का चुनाव कार्य हेतु इस्तेमाल शिक्षा विभाग के विद्यालय पहले से ही बूथ के रूप में सूचित किए जा चुके हैं और वोटर लिस्ट भी छप चुकी है। अतः उस संबंध में अब कुछ नहीं किया जा सकता है।
किन्तु Strong Room, Counting Center इत्यादि के लिए आप परंपरागत रूप से जिला एवं अनुमंडल मुख्यालय स्तर पर शिक्षा विभाग के भवनों, यानी कि डिग्री कॉलेज, उच्च विद्यालय, डायट इत्यादि को लेते रहे हैं। मेरा आपसे अनुरोध होगा कि परंपरागत तौर पर शिक्षा विभाग के भवनों को लिए जाने से पहले आप यह भी विचार कर सकते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में अन्य विभाग के भी काफी प्रशासकीय / शैक्षणिक भवन बने हैं। प्रचुर मात्रा में विभिन्न विभागों के भवन, मेडिकल/इंजीनियरिंग कॉलेज, आई.टी.आई., निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज इत्यादि भारी संख्या में खुल गए हैं। अतः आप इन भवनों को भी ई.वी. एम अथवा मतगणना केन्द्र के लिए लेने पर विचार कर सकते हैं।
उन्होंने लिखा है कि यदि कुछ बदला जा सकता है तो वह यह है कि आप मतगणना केन्द्र / ई.वी.एम इत्यादि के लिए शिक्षा विभाग के अलावे किसी अन्य विभाग के भवनों का इस्तेमाल करें। कम से कम इस हद तक आपसे यह आशा की जाती है कि आप अन्य विभागों के भवनों को भी Explore करने का प्रयास करेंगे।