RSS: ‘सोने की चिड़िया’ नहीं, भारत को अब ‘शेर’ बनना है, दुनिया को सिर्फ शक्ति की भाषा समझ आती है: मोहन भागवत Bihar News: हमेशा के लिए बदल जाएगी बिहार के इस जिले की तस्वीर, 106 योजनाओं पर खर्च होंगे ₹59 करोड़ Bihar News: 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार होंगे कम मतदाता, पिछली बार 2005 में हुआ था ऐसा INDvsENG: टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 148 साल से नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त
09-Sep-2020 01:30 PM
DESK : कोरोना काल में देशभर के 4.5 करोड़ लोगों को ईपीएफओ ने बड़ी राहत दी है. अब यदि किसी ईपीएफ सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को अब इश्योरेंस के 6 लाख की जगह 7 लाख रूपए मिलेंगे. ईपीएफओ की पेंशन-ईडीएलआई कमेटी ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है. इस बदलाव के साथ ही पुराने पेंशन स्कीम “पेंशन स्कीम 1995” में बदलाव करने की तैयारी कर ली है.
ईपीएफओ ने अंशधारक की बीमारी, दुर्घटना, असामायिक या स्वाभाविक मौत पर 1976 से इम्प्लॉयज डिपॉजिट लिंक्ड इन्श्योरेंस स्कीम शुरू कर रखी है. इस बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सदस्य हरभजन सिंह ने बताया कि पेंशन कमेटी ने नए फैसले को मंजूरी दे दी है. इसके लिए हाई पॉवर कमेटी गठित कर दी गई है.इस पर औपचारिक मुहर आज सीबीटी की बैठक में लगेगी. इस बदलाव में न्यूनतम इंश्योरेंस की धनराशि पहले की तरह ढाई लाख ही रहेगी. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि एनपीएस की तर्ज पर पीएफ सदस्यों के लिए नई पेंशन स्कीम लाई जा रही है. बोर्ड सदस्यों को एजेंडा दिया गया है पर प्रावधानों को साफ नहीं किया गया था. इसलिए सोमवार को हुई पेंशन-ईडीएलआई कमेटी में सभी सदस्यों ने विरोध कर दिया.
इस प्रावधान के अंतरगत यदि किसी अंशधारक की अचानक मौत हो जाती है तो नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी बीमा राशि के लिए फार्म-5 भरकर क्लेम कर सकता है. नॉमिनी अगर माइनर है तो उसकी तरफ से गार्जियन क्लेम कर सकता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक ब्योरा देना होगा. अगर क्लेम का 30 दिनों के अन्दर भुगतान नहीं हुआ तो नॉमिनी को 12 फीसदी ब्याज अतिरिक्त मिलेगा.