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16-Jul-2023 07:27 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी। यह बातें बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कल कही है। सीएम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, दिल्ली के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए यह साफ़ कर दिया है कि - बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इस मुद्दे पर ज्ञापन भी सौंपा। इन लोगों ने मुख्यमंत्री से समान नागरिक संहिता को लागू नहीं करने की पुरजोर अपील की। जिसके बाद सीएम ने कह दिया है कि यह बिहार में लागू नहीं होगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश ने प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि - समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर उनका स्टैंड पुराना है और वह स्पष्ट है। आज भी वे अपने उस स्टैंड पर कायम हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में ही केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर कह दिया था कि इसे लागू नहीं किया जाए। बिहार में इसके माध्यम से प्रतिनिधिमंडल में शामिल शख्सियतों ने अपनी बात रखी और मुख्यमंत्री से समान नागरिक संहिता को लागू नहीं करने की पुरजोर अपील की।
मालूम हो कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी, 2017 में अपने एक बयान में समान नागरिक संहिता को लेकर इसमें जल्दबाजी नहीं करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि समान नागरिक संहिता एक गंभीर मसला है और इस पर सदन से लेकर सड़क तक चर्चा होनी चाहिए। इसकी शुरुआत संसद से होनी चाहिए। विधि आयोग ने जिस तरीके से समान नागरिक संहिता पर राज्य सरकार से 16 सूत्री सवाल पूछे थे, वह आपत्तिजनक है।
आपको बताते चलें कि, इससे पहले विधि आयोग ने शुक्रवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर लोगों के विचार भेजने के लिए समय सीमा बढ़ाकर 28 जुलाई कर दी। आयोग ने गत 14 जून को यूसीसी पर संस्थाओं व आम लोगों से प्रतिक्रिया मांगी थी। प्रतिक्रिया देने की एक माह की समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई। हालांकि विधि आयोग ने अब इसे बढ़ा दिया है।