ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: दो बाइक की टक्कर में युवक की मौत, तीन लोग गंभीर रूप से घायल Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश 14223/14224 राजगीर-वाराणसी बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस का टर्मिनल बदलकर बनारस से 08 मार्च से परिचालन BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था Bihar News: बिहार में तांडव मचा रहे अपराधी, बिल्ले की तलाश में खाक छान रही पुलिस; सामने आया हैरान करने वाला मामला Bihar News: बिहार में तांडव मचा रहे अपराधी, बिल्ले की तलाश में खाक छान रही पुलिस; सामने आया हैरान करने वाला मामला

पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी नहीं कर सकते: झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

झारखंड हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करने के बाद कोई भी व्यक्ति धार्मिक या निजी कानून का सहारा लेकर दूसरी शादी नहीं कर सकता। अदालत ने धनबाद के डॉक्टर अकील आलम के मामले में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

JHARKHAND

11-Nov-2025 10:23 PM

By First Bihar

JHARKHAND: झारखंड हाईकोर्ट ने एक अहम और ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करने के बाद कोई व्यक्ति किसी भी धार्मिक या निजी कानून का सहारा लेकर दूसरी शादी नहीं कर सकता। धनबाद के पैथॉलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद अकील आलम के मामले में कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है, अकील आलम ने अपनी पहली पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी की थी।


हाईकोर्ट के जस्टिस एस.एन. प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने देवघर फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 4(ए) के अनुसार विवाह तभी वैध होता है जब पति या पत्नी में से कोई भी पहले से जीवित जीवनसाथी न रखता हो। यह अधिनियम “नॉन ऑब्स्टांटे क्लॉज” के तहत लागू है और यह किसी भी निजी या धार्मिक कानून से ऊपर है।


जानकारी के अनुसार डॉ. अकील आलम ने 4 अगस्त 2015 को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह किया था। कुछ समय बाद उनकी पत्नी घर छोड़कर देवघर चली गईं। अकील ने देवघर फैमिली कोर्ट में वैवाहिक अधिकार बहाल करने की याचिका दायर की, लेकिन पत्नी ने आरोप लगाया कि अकील आलम पहले से शादीशुदा हैं और उनकी पहली पत्नी से दो बेटियां हैं। उसने यह भी कहा कि अकील ने संपत्ति अपने नाम करवाने का दबाव बनाया और मना करने पर उसके साथ मारपीट की।


सुनवाई के दौरान अकील ने स्वीकार किया कि उनकी पहली पत्नी जीवित हैं और विवाह के पंजीयन के समय यह तथ्य छिपाया गया था। फैमिली कोर्ट ने दूसरी शादी को अवैध घोषित किया, जिसके खिलाफ अकील ने हाईकोर्ट में अपील की थी। अब हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करने वालों पर यह कानून समान रूप से लागू होगा।