वंशावली को लेकर बिहार सरकार ने जारी किया नया आदेश, जानिये अब क्या करना होगा? गोल उत्सव 4.0 में जुटे हजारों डॉक्टर, एलुमनाई मीट में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन मधुबनी बस स्टैंड में लगी भीषण आग, तीन दर्जन दुकानें जलकर राख, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान बिहार में अपराधियों की अब खैर नहीं: सम्राट चौधरी ने 3 महीने का दिया अल्टीमेटम, कहा..बदमाशों को बिहार से भगाकर ही दम लूंगा एक लाख डॉलर जीतने वाले मोतिहारी के आदर्श ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की मुलाकात, बिहार की शिक्षा और कौशल विकास पर हुई चर्चा सुपौल में समलैंगिक विवाह, दो युवतियों ने आपसी सहमति से गैस चूल्हे को साक्षी मानकर लिये सात फेरे उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी को बताया पार्ट-टाइम पॉलिटिशियन, कहा..उनको ना कभी बिहार की चिंता थी, और ना ही अब है पटना और मुजफ्फरपुर के बाद अब पूर्णिया में भूमि सुधार जन कल्याण संवाद का होगा आयोजन, इस दिन विजय सिन्हा सुनेंगे आमलोगों की शिकायतें Bihar acid attack : पति पर था ब्यूटी पार्लर संचालिका के साथ 'इलु -इलु' करने का शक, वाइफ ने करवा दिया एसिड अटैक; इस तरह सच आया सामने बिहार का चेरापूंजी कहे जाने वाला जिला किशनगंज में शीतलहर का कहर जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त, अलाव की व्यवस्था नहीं
22-Apr-2025 11:42 AM
By FIRST BIHAR
ED Raid in Bihar-Jharkhand: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने एक बार फिर से एक बड़े घोटाले में बड़ा एक्शन लिया है। ईडी की टीम ने मंगलवार को बिहार और झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजधानी रांची, बोकारो और रामगढ समेत झारखंड और बिहार के कुल 16 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की है। मामला बोकारों के तेतुलिया क्षेत्र में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और धोखाधड़ी से जुड़ा है।
घोटाले की जांच कर रही ईडी ने जांच के दौरान पाया कि जमीन की खरीद में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया और सरकारी नियमों की अनदेखी की गई। इस मामले में ईडी की टीम ने रांची के हरिओम टावर बिल्डिंग में राजबीर कंस्ट्रक्शन के दफ्तर में छापेमारी की है। इससे जुड़े तमाम कंपनियों और लोगों की भूमिका की जांच ईडी कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि ईडी की कार्रवाई में बड़ा खुलासा हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक, साल 2024 में बोकारों के सेक्टर 12 थाना में 103 एकड़ वन भूमि की खरीद बिक्री के आरोप में मामला दर्ज कराया गया था। केस दर्ज होने के बाद सीआईडी ने इसकी जांच शुरू की। सीआईडी की जांच में यह बात सामने आई कि जमीन माफिया और बीएसएल के कर्मियों की मिलीभगत से जमीन की हेराफेरी की गई है। बड़े घोटाले की बात सामने आने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया और इसकी जांच शुरू की।