ब्रेकिंग न्यूज़

फुहा फुटबॉल टूर्नामेंट: आरा एरोज ने बेरथ को ट्राईब्रेकर में हराया, समाजसेवी अजय सिंह ने दी बधाई Katihar News: बिहार बंद के समर्थन में एनडीए कार्यकर्ताओं ने निकाला मशाल जुलूस, पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी का विरोध Katihar News: बिहार बंद के समर्थन में एनडीए कार्यकर्ताओं ने निकाला मशाल जुलूस, पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी का विरोध Patna Crime News: पटना में रेलवे स्टेशन से युवती को किडनैप कर गैंगरेप, सोनू सन्नाटा समेत दो आरोपी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में रेलवे स्टेशन से युवती को किडनैप कर गैंगरेप, सोनू सन्नाटा समेत दो आरोपी गिरफ्तार दिल्ली में 4 सितंबर को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन, मांझी और संतोष सुमन रहेंगे शामिल Purnea News: स्वाभिमान सभा में भाजपा जिला मंत्री नूतन गुप्ता हुईं शामिल, PM मोदी की रैली के लिए लोगों को दिया निमंत्रण Purnea News: स्वाभिमान सभा में भाजपा जिला मंत्री नूतन गुप्ता हुईं शामिल, PM मोदी की रैली के लिए लोगों को दिया निमंत्रण Bihar News: बिहार में करमा पूजा के दौरान बड़ा हादसा, आहर में डूबने से दो सगी बहन समेत चार की मौत Bihar News: बिहार में चुनावी जंग से पहले सत्ताधारी दल की प्रवक्ता ब्रिगेड बिखरी...रोज-रोज पार्टी की पिट रही भद्द, निशाने पर राष्ट्रीय प्रवक्ता

Success Story: NEET परीक्षा पास कर MBBS में लिया दाखिला, 12 घंटे ड्यूटी के साथ शुरू की UPSC तैयारी; दूसरी कोशिश में ही बन गई IAS

Success Story: ऐसी लड़की जिन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई और 12 घंटे की नाइट ड्यूटी के बावजूद यूपीएससी की तैयारी की और दूसरी कोशिश में 79वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं। उनकी मेहनत और समर्पण लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है. जानिए... सफलता की कहानी.

Success Story

10-May-2025 05:07 PM

By First Bihar

Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लेकिन कठिन मेहनत और लगन के साथ कोई भी इस परीक्षा को पास कर सकता है यह साबित कर दिखाया है अंजलि गर्ग ने। यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अंजलि गर्ग एक मेडिकल छात्रा थीं। उन्होंने पहले NEET परीक्षा पास कर MBBS में दाखिला लिया। 


पढ़ाई के दौरान, तीसरे वर्ष में जब उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल सुविधाओं की जमीनी हकीकत देखी, तो उनका नजरिया पूरी तरह बदल गया। उन्हें लगा कि अगर वे प्रशासनिक सेवा में जाती हैं, तो बड़े पैमाने पर सामाजिक बदलाव ला सकती हैं। यहीं से उनकी UPSC जर्नी की शुरुआत हुई।


MBBS के दौरान ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। वह अस्पताल में 12 घंटे की नाइट ड्यूटी करती थीं और ड्यूटी के बाद सीधे कोचिंग जाती थीं। समय की बर्बादी से बचने के लिए वे दिन के हर पल का उपयोग पढ़ाई में करती थीं। इसके साथ ही उन्होंने बीमारी, थकान और जोड़ों के दर्द जैसी शारीरिक परेशानियों को भी झेला, लेकिन अपने लक्ष्य से कभी भटकी नहीं।


अंजलि का बैकग्राउंड मेडिकल था, इसलिए उनके लिए UPSC की तैयारी करना और भी चुनौतीपूर्ण था। पहले प्रयास में उन्हें असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दोबारा पूरी तैयारी के साथ एग्जाम दिया और दूसरे अटेंप्ट में उन्होंने 79वीं रैंक हासिल कर ली। इस उपलब्धि के साथ वह IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में चयनित हो गईं।


अंजलि की कहानी बताती है कि मजबूत इच्छाशक्ति, समर्पण और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी साबित किया कि कठिन परिस्थितियों में भी अगर मन में कुछ कर गुजरने की ठान ली जाए, तो सफलता जरूर मिलती है।