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17-Jan-2025 06:45 AM
By First Bihar
UGC Job: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में कुलपति (वीसी) और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और प्रमोशन से जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन गाइडलाइंस के तहत कुलपति की नियुक्ति में अनुभव संबंधी नियमों को बदला गया है, जबकि सहायक प्रोफेसर के लिए शैक्षिक योग्यता में भी कई छूट दी गई हैं।
कुलपति की नियुक्ति के नए नियम
अनिवार्य शैक्षणिक अनुभव में छूट: अब कुलपति बनने के लिए दस साल का टीचिंग अनुभव अनिवार्य नहीं है।
योग्यता का नया दायरा: संबंधित फील्ड में 10 वर्षों से अधिक का सीनियर लेवल का अनुभव रखने वाले और बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार भी योग्य माने जाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया:
2010 रेगुलेशन: तीन से पांच लोगों का पैनल अंतिम निर्णय करता था।
2025 रेगुलेशन: देशभर के समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर या सर्च व सेलेक्शन कमेटी की मदद से नियुक्ति की जाएगी।
सहायक प्रोफेसर के लिए नए नियम
नेट की अनिवार्यता समाप्त: मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (ME) और मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (MTech) की पीजी डिग्री वाले उम्मीदवार अब बिना नेट क्वालिफाई किए सहायक प्रोफेसर के पद पर आवेदन कर सकते हैं।
विषय चयन में छूट:
उम्मीदवार अगर किसी एक विषय में UG/PG कर चुके हैं लेकिन पीएचडी या नेट किसी अन्य विषय में है, तो भी वे आवेदन कर सकते हैं। पहले इस तरह की छूट उपलब्ध नहीं थी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कुलपति की नियुक्ति के नए नियमों को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे गैर-शैक्षणिक लोगों को मौका देने वाला कदम बताया है। हालांकि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एक सकारात्मक पहल बताया है। यह बदलाव हायर एजुकेशन की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से किए गए हैं और शैक्षणिक संस्थानों में नए विचार और विशेषज्ञता लाने की उम्मीद जताई जा रही है।