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15-Jul-2025 02:23 PM
By First Bihar
Bihar News: सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के घोघसम गांव में कोसी नदी ने मानसून की शुरुआत के साथ ही अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार कोसी के कटाव ने गांव के 40 से अधिक घरों को प्रभावित किया है, जिनमें से कई घर तो नदी में विलीन हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई वीडियोज भी वायरल हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि कोसी नदी का जलस्तर 1 जुलाई से ही बढ़ रहा है। जिसके कारण सिमरी बख्तियारपुर और सलखुआ क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नेपाल और उत्तर बिहार में लगातार बारिश ने स्थिति को और भी गंभीर कर दिया है। घोघसम गांव के लोग डरे-सहमे हैं और प्रशासन से तत्काल कटाव निरोधी कार्य शुरू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले साल कटावरोधी कार्यों ने गांव को कुछ हद तक बचाया था, लेकिन इस बार फिर से खतरा बढ़ गया है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर सहरसा में खतरे के निशान के करीब है और बक्सर, पटना तथा भागलपुर में गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। कोसी बैराज के 56 में से कई गेट खोले गए हैं, जिससे जलस्तर और बढ़ा है। घोघसम में कटाव के कारण फसलों और घरों को भारी नुकसान हुआ है और ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से समय पर सहायता नहीं मिल रही है। पिछले साल भी सहरसा के असई गांव में भी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।
सिमरी बख्तियारपुर के 57 गांवों में से कई घोघसम और कोसी तटबंधों के बीच बसे हैं। यहां हर साल बाढ़ और कटाव का खतरा रहता है। 2008 में कोसी की बाढ़ ने सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और अररिया जैसे जिलों में 27 लाख लोगों को प्रभावित किया था। ग्रामीणों ने मांग की है कि कटाव निरोधी बांधों को मजबूत किया जाए और प्रभावित परिवारों को पुनर्वास और मुआवजा भी दिया जाए।
रिपोर्ट: रितेश