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24-Sep-2025 11:09 AM
By First Bihar
Voter Turnout: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब तेज होती जा रही है। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। चुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार है, लेकिन इससे पहले राज्य निर्वाचन विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। कम मतदान वाले क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, यह विशेष अभियान 12 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में शुरू होने वाला है, जहां पिछले विधानसभा चुनावों में 50 प्रतिशत से भी कम मतदान दर्ज किया गया था। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इस संबंध में संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
पटना शहरी क्षेत्र के कुम्हरार, बांकीपुर और दीघा जैसे विधानसभा क्षेत्रों में बेहद कम मतदान दर्ज किया गया था। निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, कुम्हरार में मात्र 35.27 प्रतिशत, बांकीपुर में 35.91 प्रतिशत और दीघा में 36.99 प्रतिशत ही वोटिंग हुई थी। इस कम मतदान को लेकर निर्वाचन विभाग को आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। केवल पटना ही नहीं, बल्कि भागलपुर, जमालपुर, नवादा, गया शहरी, आरा, बिहारशरीफ, मुंगेर, शाहपुर, अस्थावां, नालंदा और वारिसलीगंज जैसे क्षेत्रों में भी मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा।
इस स्थिति को सुधारने के लिए निर्वाचन विभाग "मिशन-60" अभियान चला रहा है। इस मिशन के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ऐसे 60 मतदान केंद्रों की पहचान की गई है, जहां मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा है। इन केंद्रों पर विशेष रूप से मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत SVEEP (Systematic Voters’ Education and Electoral Participation) गतिविधियों के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इसके अलावा, 85 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों, महिला मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं के लिए सुगम और सुविधाजनक मतदान सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि इस बार मतदान प्रतिशत को बढ़ाकर लोकतांत्रिक भागीदारी को और मजबूत किया जा सके।
दूसरी ओर, राज्य के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक मतदान देखा गया। कोढ़ा में 67.39%, बरारी में 67.23% और चकाई में 66.07% वोटिंग हुई थी। इन क्षेत्रों को रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है और इनकी रणनीति को अन्य क्षेत्रों में लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है।
राज्य निर्वाचन विभाग की यह पहल लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की यह कोशिश कितना रंग लाती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।