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18-Sep-2025 09:05 AM
By First Bihar
NITISH KUMAR : नवंबर 2005 में नई सरकार बनने के बाद से ही राज्य सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। बीते वर्षों में इस दिशा में लगातार प्रयास किए गए हैं और अब सरकार ने आने वाले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार का मानना है कि यदि राज्य के युवा आत्मनिर्भर और दक्ष बनेंगे तो न केवल उनका व्यक्तिगत भविष्य उज्ज्वल होगा बल्कि राज्य और देश की विकास यात्रा भी तेजी से आगे बढ़ेगी।
राज्य सरकार का सात निश्चय कार्यक्रम युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अहम साबित हुआ है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना को और व्यापक स्वरूप दिया गया है। पहले यह योजना केवल इंटर पास बेरोजगार युवक-युवतियों तक सीमित थी, लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है कि कला, विज्ञान एवं वाणिज्य से स्नातक उत्तीर्ण बेरोजगार युवक-युवतियां भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार 20 से 25 वर्ष की आयु के वे स्नातक युवक-युवतियां, जो वर्तमान में किसी शैक्षणिक संस्थान में अध्ययनरत नहीं हैं और न ही किसी प्रकार के सरकारी, गैर-सरकारी या निजी रोजगार में कार्यरत हैं, को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिन युवाओं का कोई स्वरोजगार भी नहीं है और वे नौकरी या रोजगार पाने की दिशा में प्रयासरत हैं, उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये की दर से अधिकतम दो वर्षों तक यह सहायता भत्ता प्रदान किया जाएगा।
इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य केवल आर्थिक मदद देना नहीं है, बल्कि युवाओं को सही दिशा में प्रेरित करना भी है। सरकार को उम्मीद है कि इस सहायता राशि का उपयोग युवा अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और कौशल विकास प्रशिक्षण में करेंगे। इससे वे भविष्य में नौकरी पाने के योग्य बनेंगे और उनके लिए रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। इसके लिए कौशल विकास कार्यक्रमों का लगातार विस्तार किया जा रहा है। विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से युवाओं को आधुनिक तकनीकी, व्यावसायिक और पेशेवर कौशल सिखाए जा रहे हैं ताकि वे बदलते रोजगार बाजार की मांग के अनुसार खुद को तैयार कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार की इस दूरदर्शी पहल का मकसद युवाओं को केवल आर्थिक सहयोग देना नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। जब युवा रोजगारोन्मुखी और दक्ष बनेंगे तो वे न सिर्फ अपना भविष्य सुरक्षित करेंगे बल्कि राज्य और देश के विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उन लाखों स्नातक युवाओं के लिए राहत लेकर आया है जो अब तक बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे थे। अक्सर देखा गया है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद भी युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह भत्ता उन्हें अपनी पढ़ाई और तैयारी जारी रखने में मदद करेगा।
योजना का सीधा असर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों के युवाओं पर भी पड़ेगा, जहां आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण युवा उच्च शिक्षा के बाद नौकरी की तलाश में असहाय हो जाते थे। अब उन्हें न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि राज्य सरकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ भी मिलेगा।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राज्य सरकार की यह पहल युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना न केवल बेरोजगार युवाओं को सहारा देगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी बनाने में मदद करेगी। अगर यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो आने वाले वर्षों में राज्य में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी देखी जा सकती है।