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06-Jul-2025 12:44 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के किसान अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ हल्दी और ओल की भी खेती करके अपनी आय को जबरदस्त रूप से बढ़ा सकते हैं। भोजपुर जिले में उद्यान विभाग ने 40 एकड़ में हल्दी और 10 एकड़ में ओल की खेती का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए किसानों को आकर्षक सब्सिडी तक दी जा रही है। यह योजना न केवल भोजपुर बल्कि बिहार के 12 अन्य जिलों में भी लागू है। जिसमें अररिया, बक्सर, गोपालगंज, कटिहार, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, पूर्णिया, सिवान, सुपौल और सारण शामिल हैं। यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
भोजपुर उद्यान निदेशक दिवाकर भारती के अनुसार हल्दी और ओल की खेती के लिए एकीकृत उद्यान विकास योजना के तहत सरकार 40-50% तक सब्सिडी दे रही है। ओल की खेती के लिए प्रति एकड़ 2,81,600 रुपये की यूनिट कॉस्ट निर्धारित है। जिसमें 1,40,000 रुपये तक का अनुदान मिलेगा। वहीं, हल्दी की खेती के लिए प्रति एकड़ 40,000 रुपये की लागत पर 20,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा अदरक की खेती के लिए यूनिट कॉस्ट 82,000 रुपये है, जिसमें 41,000 रुपये और हल्दी के लिए 2,23,000 रुपये की यूनिट कॉस्ट पर 1,15,000 रुपये तक की सब्सिडी सरकार की तरफ से उपलब्ध है।
यह योजना बिहार के उन किसानों के लिए बड़ा सुनहरा अवसर है जो पारंपरिक फसलों धान, गेहूं और मोटे अनाज के साथ नई फसलों की भी खेती करना चाहते हैं। भोजपुर को धान के कटोरे के रूप में जाना जाता है मगर अब यह हल्दी और ओल जैसी नकदी फसलों के मामले में भी अपनी पहचान बना रहा है। इन फसलों की मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है और सब्सिडी के साथ कम लागत में खेती शुरू कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उद्यान विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और अपनी खेती को और भी लाभकारी बनाएं।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को बिहार उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाना होगा। होम पेज पर ‘अंतर्वर्ती फसल कार्यक्रम’ के तहत ‘आवेदन करें’ लिंक पर क्लिक करें। आवेदन फॉर्म में आधार नंबर, बैंक खाता विवरण और खेती से संबंधित जानकारी भरें। दस्तावेज अपलोड करने के बाद फॉर्म को सबमिट करें। आवेदन की स्थिति और अनुदान की राशि सीधे किसान के आधार से जुड़े बैंक खाते में डीबीटी के जरिए हस्तांतरित की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय उद्यान विभाग कार्यालय से संपर्क भी कर सकते हैं।