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दाखिल-खारिज मामलों पर DM की सख्त चेतावनी! एक हफ्ते में सुधार नहीं तो होगी बड़ी कार्रवाई?

डीएम सुब्रत कुमार सेन ने दाखिल खारिज मामलों की समीक्षा की। मुरौल का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा। कांटी, मुसहरी के सीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया। एक सप्ताह में प्रत्येक अंचल में 90% से अधिक उपलब्धि लाने का निर्देश दिया।

दाखिल-खारिज मामलों पर DM की सख्त चेतावनी! एक हफ्ते में सुधार नहीं तो होगी बड़ी कार्रवाई?

22-Feb-2025 08:35 AM

मुजफ्फरपुर जिले में म्यूटेशन के मामलों को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गया है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सख्त लहजे में अंचलाधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मिशन मोड में काम करें, नहीं तो कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। जिला प्रशासन के अनुसार म्यूटेशन के मामलों के निष्पादन में 106328 मामलों का निपटारा किया गया है। कुछ अंचलों ने शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि कुछ अंचलों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। मुरौल ने 96% उपलब्धि के साथ सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि कांटी और मुशहरी अंचल अभी भी पीछे हैं।


जिलाधिकारी ने कांटी और मुशहरी के सीओ और राजस्व अधिकारियों को फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि अगले एक सप्ताह के अंदर हर अंचल को 90% से अधिक लक्ष्य हासिल करना होगा। अन्यथा कार्रवाई तय है। म्यूटेशन के साथ-साथ रिवीजन मामलों की समीक्षा में पारू (96%) और मड़वन (93%) ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन मुशहरी (58%) और कांटी (64%) इस सूची में भी पीछे रहे। डीएम ने इन दोनों अंचलों के अधिकारियों को फिर फटकार लगाई और जल्द से जल्द सुधार लाने का निर्देश दिया।


सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले अंचल मुरौल - 96%, पारू - 95%, सकरा - 93%, मरवन - 92%, सरैया - 91% और साहेबगंज - 91% हैं। इसी तरह सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले अंचल मुशहरी - 82% और कांटी - 78% हैं।


इसके अलावा अभियान बसेरा, आधार सीडिंग और भूमि मापी की भी समीक्षा की गई। डीएम ने अधिकारियों को इन मामलों में आवश्यक सुधार लाने का निर्देश दिया। साथ ही भूमि सुधार उप समाहर्ता (पूर्वी और पश्चिमी) के न्यायालय में लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए डीसीएलआर पूर्वी को अभियान चलाकर प्राथमिकता के आधार पर मामलों का निपटारा करने को कहा। 


अब सवाल यह है कि क्या कांटी और मुशहरी के अधिकारी अगले 7 दिनों में 90% का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे? या फिर जिलाधिकारी को सख्त कदम उठाने होंगे? प्रशासनिक गलियारों में सख्त कार्रवाई की चर्चा शुरू हो चुकी है।